हैदराबाद, 21 जून (भाषा) केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी किशन रेड्डी ने शुक्रवार को कोयला खदानों की वाणिज्यिक नीलामी के 10वें दौर की शुरुआत की।
नीलामी के इस चरण में 67 कोयला खानों को शामिल किया गया है। ये खदानें बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना में स्थित हैं। इनमें पूरी तरह और आंशिक रूप से खोजी गई खदानों के साथ तीन कोकिंग कोल खदानें भी शामिल हैं।
नीलामी की शुरुआत के मौके पर रेड्डी ने कोयला आयात घटाने और इसका उत्पादन बढ़ाने की वकालत की। उन्होंने बिजली उत्पादन में कोयले के महत्व पर प्रकाश डालते हुए इसे ‘काला सोना’ बताया।
कोयला मंत्री ने कहा, ‘जीवंत और सुधार-उन्मुख कोयला क्षेत्र आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए अहम है।’
इस बीच रेड्डी के गृह-राज्य तेलंगाना के गोदावरी क्षेत्र में स्थित कोयला खदानों को बोली के बगैर ही आवंटित किए जाने की मांग उठी है। तेलंगाना के उप मुख्यमंत्री मल्लू भट्टी विक्रमार्क ने आरक्षण कोटा के तहत गोदावरी क्षेत्र की खदानें सरकारी कंपनी सिंगरेनी कोलियरीज को नीलामी के बगैर ही आवंटित करने की मांग रखी है।
इस पर किशन रेड्डी ने कहा कि वह विक्रमार्क की तरफ से उठाए गए मुद्दे पर गौर करेंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार सिंगरेनी कोलियरीज के हितों को ध्यान में रखते हुए फैसला करेगी।
सिंगरेनी कोलियरीज तेलंगाना सरकार और केंद्र सरकार की साझेदारी वाली एक कोयला खनन कंपनी है। इसमें केंद्रीय कोयला मंत्रालय के पास 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
कोयला मंत्री ने कहा कि पिछले नौ दौर की नीलामी में कुल 107 कोयला खदानों की सफलतापूर्वक नीलामी की जा चुकी है। वर्ष 2020 में कोयला खदानों की वाणिज्यिक नीलामी शुरू हुई थी।
भाषा प्रेम रमण
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