नयी दिल्ली, तीन अक्टूबर (भाषा) देश में बने 5जी रेडियो छह महीने में वाणिज्यिक रूप से लगाने के लिए तैयार होंगे। सार्वजनिक क्षेत्र की सी-डॉट (सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह कहा।
सी-डॉट, जियो के रेडिसिस इंडिया, वीवीडीएन टेक्नोलॉजीज और विसिज नेटवर्क्स की संयुक्त रूप से विकसित तकनीक का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडिया मोबाइल कांग्रेस में किया था।
सी-डॉट के कार्यकारी निदेशक राजकुमार उपाध्याय ने इंडियन मोबाइल कांग्रेस (आईएमसी) के दौरान अलग से बातचीत में पीटीआई-भाषा से कहा कि संगठन ने वायरलेस सिग्नल भेजने और प्राप्त करने के लिये 5जी रेडियो के नमूने का विकास कर लिया है। इसका उपयोग ‘वायरलेस सिग्नल’ भेजने और प्राप्त करने के लिये किया जाता है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे 5जी कोर और 5जी रेडियो पूरी तरह से देश में विकसित हैं। यह भारत को उन कुछ देशों में शामिल करता है जिनके पास अपनी 5जी तकनीक है… हम जल्द ही बीएसएनएल नेटवर्क पर इन परीक्षणों को शुरू करेंगे। हमें अगले छह महीनों में परीक्षण पूरा होने की उम्मीद है।’’
सी-डॉट, टीसीएस की अगुवाई वाले समूह का हिस्सा है, जिसे 4जी प्रौद्योगिकी की तैनाती के लिये चुना गया था।
उपाध्याय ने कहा, ‘‘सरकार के दूरसंचार प्रौद्योगिकी केंद्र सी-डॉट की भूमिका प्रौद्योगिकी विकास तक सीमित रहेगी। हम इसे वाणिज्यिक रूप से तैयार करने वाली कंपनियों के साथ प्रौद्योगिकी हस्तांतरण समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने परीक्षण के लिए बीएसएनएल नेटवर्क में अपना 5जी कोर पहले ही तैनात कर दिया है।’’
नेटवर्क की गति के बारे में उपाध्याय ने कहा, ‘‘5जी में डाउनलोड की गति एक ‘गीगाबिट’ प्रति सेकंड होगी और सी-डॉट के उपकरण इसे क्रियान्वित करने में सक्षम होंगे…।’’
दूरसंचार नियामक ट्राई के अनुसार, 4जी में डाउनलोड की गति 24.1 मेगाबिट प्रति सेकंड है।
भाषा
रमण अजय
अजय
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