प्लास्टिक पाबंदी के बाद रोजमर्रा के सामान बनाने वाली इकाइयों, सिगरेट कंपनियों ने दिखाई तेजी |

प्लास्टिक पाबंदी के बाद रोजमर्रा के सामान बनाने वाली इकाइयों, सिगरेट कंपनियों ने दिखाई तेजी

प्लास्टिक पाबंदी के बाद रोजमर्रा के सामान बनाने वाली इकाइयों, सिगरेट कंपनियों ने दिखाई तेजी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:54 PM IST, Published Date : July 1, 2022/10:41 pm IST

नयी दिल्ली, एक जुलाई (भाषा) प्लास्टिक से बने स्ट्रॉ पर शुक्रवार से प्रतिबंध लागू होने के साथ ही रोजमर्रा के सामान बनाने वाली बड़ी कंपनियों (एफएमसीजी) एवं कृषि-खाद्य इकाइयों ने फलों के जूस एवं डेयरी उत्पादों के पैक के साथ कागज से बने स्ट्रॉ की पेशकश की तरफ कदम बढ़ाने शुरू कर दिए हैं।

पार्ले एग्रो, डाबर, अमूल और मदर डेयरी जैसी प्रमुख कंपनियों ने टेट्रा पैक के साथ अब प्लास्टिक स्ट्रॉ की जगह कागज से बने स्ट्रॉ एवं अन्य वैकल्पिक समाधानों की पेशकश करनी शुरू कर दी है।

उद्योग निकाय एक्शन अलायंस फॉर रिसाइक्लिंग बीवरेज कार्टंस (एएआरसी) ने कहा कि एफएमसीजी कंपनियों को प्लास्टिक स्ट्रॉ के कारगर विकल्प तलाशने में दिक्कत हो रही है। ऐसी स्थिति में जल्द ही कारगर विकल्प नहीं मिलने पर इन उत्पादों की आपूर्ति बाधित हो सकती है।

एकल उपयोग वाले प्लास्टिक (एसयूपी) पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा पिछले साल की गई थी और यह प्रतिबंध एक जुलाई से अमल में आ गया है।

इस बीच सिगरेट विनिर्माता कंपनियों ने भी सिगरेट के पैक पर लगने वाली पतली प्लास्टिक परत के विकल्प के तौर पर प्राकृतिक रूप से नष्ट हो जाने वाली (बायोडिग्रेडेबल) परत का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है।

सिगरेट उद्योग की संस्था टोबैको इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने इस कदम की प्रशंसा की है। आईटीसी, गॉडफ्रे फिलिप्स इंडिया, वीएसटी इंडस्ट्रीज जैसी कंपनियां इसकी सदस्य हैं।

भाषा प्रेम रमण

रमण

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)