अमरावती, सात सितंबर (भाषा) केंद्र सरकार की तर्ज पर आंध्र प्रदेश सरकार ने अपनी गैर-उत्पादक संपत्तियों के मौद्रीकरण की कोशिश शुरू कर दी है, ताकि गंभीर वित्तीय स्थिति से निपटने के लिए अतिरिक्त राजस्व जुटाया जा सके।
सरकार ने ‘मिशन बिल्ड एपी’ के तहत पहले चरण में अगले 24 महीनों के दौरान विजयवाड़ा शहर के बीच में 3.26 एकड़ साइट को व्यावसायिक विकास के लिए सौंपने का फैसला किया है।
सरकार ने इस परियोजना से अपेक्षित राजस्व का खुलासा नहीं किया है, लेकिन परियोजना से जुड़े आधिकारिक सूत्रों का मानना है कि इससे ‘‘पर्याप्त’’ आय हो सकती है।
एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि महत्वपूर्ण बात यह है कि इस परियोजना से रोगाजार को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
‘मिशन बिल्ड एपी’ को 2019 के अंत में शुरू किया गया था, जब जगन मोहन रेड्डी सरकार ने कुछ संपत्तियों की बिक्री का प्रस्ताव रखा था। हालांकि, योजना कानूनी उलझन में फंस गई और उच्च न्यायालय ने कार्यवाही पर रोक लगा दी।
अधिकारी ने कहा, ‘‘हम विजयवाड़ा में उस संपत्ति को नहीं बेच रहे हैं, जहां वर्तमान में राजकीय अतिथि गृह है। हम उसे केवल विकास के लिए दे रहे हैं।’’
विजयवाड़ा स्थित राजकीय अतिथि गृह कभी राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री सहित विभिन्न गणमान्य व्यक्तियों के ठहरने का स्थान हुआ करता था, हालांकि अब इसका आधा हिस्सा जीर्ण-शीर्ण स्थिति में है और दूसरे आधे हिस्से को भी नया रूप देने की जरूरत है।
चूंकि राज्य सरकार इसके लिए करोड़ों रुपये खर्च करने की स्थिति में नहीं है, इसलिए उसने संपत्ति का मौद्रीकरण करने का फैसला किया है।
भाषा
पाण्डेय महाबीर
महाबीर
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