आर्य.एजी ने 17 स्मार्ट फ़ार्म सेंटर स्थापित किए, 18 माह में 250 और खोलने की योजना

आर्य.एजी ने 17 स्मार्ट फ़ार्म सेंटर स्थापित किए, 18 माह में 250 और खोलने की योजना

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  • Publish Date - November 6, 2025 / 08:08 PM IST,
    Updated On - November 6, 2025 / 08:08 PM IST

नयी दिल्ली, छह नवंबर (भाषा) कृषि प्रौद्योगिकी मंच आर्य.एजी ने चार राज्यों में किसान-उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के निकट 17 स्मार्ट फार्म सेंटर स्थापित किए हैं, जो किसानों को कृषि समाधान और प्रौद्योगिकी निःशुल्क प्रदान करते हैं।

ये केंद्र महाराष्ट्र, झारखंड, गुजरात और बिहार में स्थापित किए गए हैं। कंपनी का लक्ष्य अगले 18 महीनों में ऐसी 250 सुविधाएं स्थापित करना है।

मीडिया को जानकारी देते हुए कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) प्रसन्ना राव ने कहा कि प्रत्येक केंद्र धान, सोयाबीन, मक्का, कपास और मसूर जैसी जल्दी खराब नहीं होने वाली फसलों की खेती करने वाले कम से कम दो एफपीओ को सेवाएं प्रदान करता है।

स्मार्ट फार्म सेंटर एक संसाधन सुविधा के रूप में कार्य करता है जहां किसान मृदा परीक्षण, ड्रोन छिड़काव, मौसम पूर्वानुमान और सलाहकार सेवाएं, और मौसम से जुड़े पैरामीट्रिक बीमा सहित विभिन्न कृषि समाधान का उपयोग कर सकते हैं – ये सभी निःशुल्क हैं।

आर्य.एजी ने ये समाधान प्रदान करने वाले पांच स्टार्टअप के साथ साझेदारी की है जिसमें भारतरोहन (ड्रोन इमेजिंग और सटीक छिड़काव), नियोपर्क (आईओटी-आधारित मृदा बुद्धिमत्ता), फाइलू (मौसम और जलवायु विश्लेषण), फिनहाट (जलवायु-आधारित पैरामीट्रिक बीमा) और फार्म ब्रिज (प्रशिक्षण और प्रथाओं का पैकेज) शामिल हैं।

राव ने कहा कि लागत उन खरीदारों द्वारा वहन की जाती है जो किसानों से उपज खरीदने के इच्छुक हैं। ‘‘एक संस्था कृषि की समस्याओं का समाधान नहीं कर सकती। साझेदारी के माध्यम से, प्रौद्योगिकी किसानों के दरवाजे तक बिना किसी लागत के पहुँचाई जाती है।’’

उन्होंने कहा कि खरीदार इन प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके किसानों को बेहतर कृषि पद्धतियां अपनाने में मदद करने के लिए प्रीमियम देने को तैयार हैं।

आर्य.एजी के प्रबंध निदेशक और सह-संस्थापक चट्टानथन डी ने कहा, ‘‘किसानों में रुचि बढ़ रही है। हमारी योजना अगले डेढ़ साल में कम से कम 250 स्मार्ट फार्म सेंटर स्थापित करने की है।’’

कंपनी का लक्ष्य चालू वित्तवर्ष में अपने कारोबार को 2024-25 के 450 करोड़ रुपये से आगे 30-35 प्रतिशत तक और बढ़ाना है।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय