ऑडिट सुधार और नवोन्मेषण का एक दूरदर्शी साधन है: उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन

ऑडिट सुधार और नवोन्मेषण का एक दूरदर्शी साधन है: उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन

ऑडिट सुधार और नवोन्मेषण का एक दूरदर्शी साधन है: उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन
Modified Date: November 16, 2025 / 03:53 pm IST
Published Date: November 16, 2025 3:53 pm IST

नयी दिल्ली, 16 नवंबर (भाषा) उपराष्ट्रपति सी पी राधाकृष्णन ने रविवार को कहा कि ऑडिट (अंकेक्षण) अब केवल पूर्वव्यापी अभ्यास नहीं रह गया है, बल्कि यह सुधार, दूरदर्शिता और नवोन्मेषण का एक साधन बन गया है।

भारतीय नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) के ऑडिट दिवस का उद्घाटन करने के बाद उपराष्ट्रपति ने कहा कि संस्थान ने लेखापरीक्षा प्रक्रियाओं में महत्वपूर्ण परिवर्तन किए हैं, जिससे सुशासन को बढ़ावा मिला है और कार्यकारी जवाबदेही मजबूत हुई है।

उन्होंने आईआईटी और आईआईएम जैसे प्रतिष्ठित शैक्षणिक और व्यावसायिक संस्थानों के साथ संस्थागत सहयोग के माध्यम से क्षमता निर्माण में हाल की पहल के लिए भारतीय नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की भी सराहना की।

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राधाकृष्णन ने कहा कि आर्थिक, सामाजिक, प्रौद्योगिकी, पर्यावरणीय और संस्थागत क्षेत्रों में समग्र विकास के लिए सरकार के प्रयासों में कैग एक विश्वसनीय भागीदार की भूमिका निभा रहा है।

ऑडिट दिवस कैग की स्थापना के 166वें वर्ष के प्रारंभ का प्रतीक है।

उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘‘कैग सार्वजनिक खजाने का रक्षक है। यह लेखांकन विवरणों में प्रस्तुत तथ्यों, आंकड़ों और प्रमाणों को सुनता है।’’

उन्होंने यह भी कहा कि एक संवैधानिक प्राधिकरण होने के नाते यह शासन, सार्वजनिक विश्वास और जवाबदेही पर आवश्यक प्रतिक्रिया प्रदान करता है।

भाषा योगेश अजय

अजय


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