नयी दिल्ली, 18 जून (भाषा) अयोध्या, वाराणसी, पुरी, द्वारका, शिरडी, तिरुपति और अमृतसर उन 17 उच्च संभावना वाले शहरों में शामिल हैं, जहां आने वाले वर्षों में तेजी से रियल एस्टेट विकास होने की संभावना है। इसकी मुख्य वजह आध्यात्मिक पर्यटन, बुनियादी ढांचा परियोजनाओं और डिजिटलीकरण होगी।
रियल एस्टेट परामर्शदाता कोलियर्स इंडिया ने 100 से अधिक शहरों में से 30 संभावित उच्च विकास वाले शहरों की पहचान की है, जहां मध्यम से दीर्घावधि में रियल एस्टेट विकास मजबूत होने वाला है।
इन 30 शहरों में से 17 उच्च-संभावना वाले शहरों में तीन या अधिक परिसंपत्ति वर्गों में रियल एस्टेट विकास में तेजी आने की उम्मीद है।
इन 17 उच्च प्रभाव वाले उभरते रियल एस्टेट मुख्य भौगोलिक विस्तार देश के उत्तरी, दक्षिणी, पश्चिमी, पूर्वी और मध्य क्षेत्रों में समान विकास को उजागर करता है।
परामर्शदाता द्वारा उत्तर भारत में चिन्हित शहर अमृतसर, अयोध्या, जयपुर, कानपुर, लखनऊ तथा वाराणसी; पूर्वी भारत में पटना तथा पुरी; पश्चिम भारत में द्वारका, नागपुर, शिरडी तथा सूरत; दक्षिण भारत में कोयम्बटूर, कोच्चि, तिरुपति तथा विशाखापत्तनम और मध्य भारत में इंदौर हैं।
सलाहकार ने कहा कि आध्यात्मिक पर्यटन से प्रेरित विकास के मामले में अमृतसर, अयोध्या, द्वारका, पुरी, शिरडी, तिरुपति और वाराणसी ध्यान देने योग्य शहर बनकर उभरे हैं।
कोलियर्स इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी बादल याग्निक ने कहा कि छोटे शहर भारत की अर्थव्यवस्था में गतिशील योगदान देने वालों के रूप में उभर रहे हैं, जो बेहतर बुनियादी ढांचे, सस्ती अचल संपत्ति, कुशल प्रतिभा और सरकारी पहलों से प्रेरित है।
उन्होंने कहा कि इस वृद्धि से रियल एस्टेट क्षेत्र 2030 तक अनुमानतः 1000 अरब अमेरिकी डॉलर और 2050 तक संभावित रूप से 5000 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाएगा। इसकी सकल घरेलू उत्पाद में 14-16 प्रतिशत की हिस्सेदारी होगी।
भाषा निहारिका पाण्डेय
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