नयी दिल्ली, 12 मई (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की पूर्व प्रमुख चित्रा रामकृष्ण और समूह परिचालन अधिकारी आनंद सुब्रमण्यन की ‘को-लोकेशन’ मामले में जमानत याचिकाएं बृहस्पतिवार को खारिज कर दीं।
विशेष न्यायाधीश संजीव अग्रवाल ने उन्हें राहत देने से इनकार करते हुए कहा कि जमानत देने का कोई पर्याप्त आधार नहीं है। आरोपियों के वकील अर्शदीप सिंह और अभियोजन पक्ष की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया।
इससे पहले केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने उनकी जमानत याचिकाओं का विरोध किया था और कहा था कि वे गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं और सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं। एजेंसी ने कहा था कि अपराध की प्रकृति बहुत ही गंभीर है और इसके आर्थिक स्थिरता पर दूरगामी प्रभाव हो सकते हैं।
इस मामले में प्राथमिकी मई, 2018 में दर्ज की गई थी। जिसके बाद, हाल में शेयर बाजार में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं का खुलासा हुआ था।
इससे पहले, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एनएसई, रामकृष्ण और रवि नारायण समेत दो अन्य अधिकारियों पर वरिष्ठ स्तर पर भर्ती में खामियों को लेकर जुर्माना लगाया था।
नारायण 1994 से मार्च, 2013 तक एनएसई के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी थे जबकि रामकृष्ण अप्रैल, 2013 से दिसंबर, 2016 तक एनएसई की प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी थीं।
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