बैंकरों ने रिजर्व बैंक के उदार नीतिगत रुख, डिजिटल भुगतान पर उपायों का स्वागत किया |

बैंकरों ने रिजर्व बैंक के उदार नीतिगत रुख, डिजिटल भुगतान पर उपायों का स्वागत किया

बैंकरों ने रिजर्व बैंक के उदार नीतिगत रुख, डिजिटल भुगतान पर उपायों का स्वागत किया

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:52 PM IST, Published Date : December 8, 2021/8:11 pm IST

मुंबई, आठ दिसंबर (भाषा) बैंकरों ने मौद्रिक नीति की समीक्षा में नरम रुख जारी रखने के रिजर्व बैंक के फैसले को सही ठहराया है। इसके साथ ही विभिन्न बैंकों के शीर्ष अधिकारियों ने कोविड-19 के ओमीक्रोन स्वरूप की चिंता के बीच सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के वृद्धि दर के अनुमान को 9.5 प्रतिशत पर कायम रखने और डिजिटल भुगतान के लिए नियामकीय उपायों की घोषणा का भी स्वागत किया है।

केंद्रीय बैंक की द्विमासिक नीतिगत समीक्षा पर इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (आईबीए) के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक और यूको बैंक के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) ए के गोयल ने कहा कि ये उपाय उम्मीदों के अनुरूप हैं। उन्होंने कहा, ‘‘वृहद आर्थिक परिदृश्य में बदलाव के बावजूद चालू वित्त वर्ष के लिए आरबीआई के वृद्धि और मुद्रास्फीति अनुमानों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। यह वास्तव में एक सकारात्मक संकेत है।’’

उन्होंने कहा कि डिजिटल भुगतान पर अपनी पहल के माध्यम से केंद्रीय बैंक लोगों को डिजिटल माध्यम के इस्तेमाल को प्रोत्साहन दे रहा है।

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन दिनेश खारा ने कहा कि केंद्रीय बैंक की पूर्व मंजूरी के बिना विदेशी शाखाओं में पूंजी डालने की घोषणा से परिचालन में लचीलापन आएगा।

भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी दिलीप अस्बे ने ट्वीट कर कहा कि एक दिन में एक अरब लेनदेन का लक्ष्य अब बहुत दूर नहीं है। आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के लिए यूपीआई सीमा बढ़ाने पर उन्होंने कहा कि एनपीसीआई के मंच ने आईपीओ बाजार का विस्तार किया है और घोषित उपाय आईपीओ निवेश के लिए काफी सकारात्मक साबित हो सकते हैं।

निजी क्षेत्र के एचडीएफसी बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री अभीक बरुआ ने कहा कि रिजर्व बैंक का नीतिगत रुख उम्मीद से अधिक उदार है।

भारत और दक्षिण एशिया के बाजारों के लिए स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक की मुख्य कार्यपालक अधिकारी जरीन दारूवाला ने कहा कि एमपीसी का वृद्धि समर्थक रुख बहुत स्पष्ट रूप में सामने आया है और यह अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा संकेत है।

गैर-बैंकिंग ऋणदाताओं में टाटा कैपिटल के राजीव सभरवाल ने कहा कि अर्थव्यवस्था ने पिछले छह माह में रफ्तार हासिल की है, लेकिन केंद्रीय बैंक एक अधिक व्यापक पुनरुद्धार चाहता है।

रेलिगेयर एंटरप्राइजेज की कार्यकारी चेयरपर्सन रश्मि सलूजा ने कहा कि रेपो दर को यथावत रखने का फैसला घर खरीदारों और छोटे व्यवसायों के लिए अच्छा है, क्योंकि वे निचली ब्याज दरों का लाभ उठा सकते हैं।

भाषा अजय प्रेम

 

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