एक अक्टूबर से कर्ज लेने वालों को ऋण से संबंधित पूरी जानकारी उपलब्ध कराएंगे बैंक

एक अक्टूबर से कर्ज लेने वालों को ऋण से संबंधित पूरी जानकारी उपलब्ध कराएंगे बैंक

  •  
  • Publish Date - April 15, 2024 / 09:48 PM IST,
    Updated On - April 15, 2024 / 09:48 PM IST

मुंबई, 15 अप्रैल (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को कहा कि बैंकों और एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां) को एक अक्टूबर से खुदरा और एमएसएमई कर्ज के लिए ऋण लेने वाले को ब्याज और अन्य लागत समेत ऋण समझौते के बारे में सभी जानकारी (केएफएस) देनी होगी।

वर्तमान में, विशेष रूप से वाणिज्यिक बैंकों की तरफ से दिये गये व्यक्तिगत कर्जदारों, आरबीआई के दायरे में आने वाली इकाइयों के डिजिटल ऋण और छोटी राशि के कर्ज के संबंध में ऋण समझौते के बारे में सभी जानकारी देना अनिवार्य किया गया है।

आरबीआई ने बयान में कहा कि कर्ज के लिए केएफएस पर निर्देशों को सुसंगत बनाने का निर्णय लिया गया है।

केंद्रीय बैंक ने कहा, ‘‘यह आरबीआई के दायरे में आने वाले वित्तीय संस्थानों के उत्पादों को लेकर पारदर्शिता बढ़ाने और सूचना की कमी को दूर करने के लिए किया गया है। इससे कर्ज लेने वाला सोच-विचारकर वित्तीय निर्णय कर सकेंगे।’’

यह निर्देश आरबीआई के नियमन के दायरे में आने वाले सभी इकाइयों (आरई) की तरफ से दिये जाने वाले खुदरा और एमएसएमई सावधि ऋण के मामलों में लागू होगा।

केएफएस सरल भाषा में ऋण समझौते के मुख्य तथ्यों का एक विवरण है। यह कर्ज लेने वालों को एक मानकीकृत प्रारूप में प्रदान किया जाता है।

केंद्रीय बैंक ने कहा, ‘‘वित्तीय संस्थान दिशानिर्देशों को जल्द-से-जल्द लागू करने के लिए आवश्यक उपाय करेंगे। एक अक्टूबर, 2024 को या उसके बाद स्वीकृत सभी नये खुदरा और एमएसएमई सावधि ऋण के मामले में दिशानिर्देश बिना किसी अपवाद के अक्षरश: पालन किया जाएगा। इसमें मौजूदा ग्राहकों को दिये गये नये कर्ज भी शामिल हैं।’’

आरबीआई ने कहा कि वास्तविक आधार पर तृतीय-पक्ष सेवा प्रदाताओं की ओर से केंद्रीय बैंक के दायरे में आने वाले संस्थानों द्वारा कर्ज लेने वाले संस्थानों से वसूले गए बीमा और कानूनी शुल्क जैसी राशि भी वार्षिक प्रतिशत दर (एपीआर) का हिस्सा होगी। इसके बारे में अलग से खुलासा किया जाना चाहिए।

जहां भी आरई ऐसे शुल्कों की वसूली में शामिल है, उचित समय के भीतर प्रत्येक भुगतान के लिए कर्ज लेने वालों को प्राप्ति रसीदें और संबंधित दस्तावेज प्रदान किए जाएंगे।

इसके अलावा, ऐसा शुल्क जिसका जिक्र केएफएस में नहीं है, उधारकर्ता की स्पष्ट सहमति के बिना ऋण की अवधि के दौरान किसी भी चरण में इस प्रकार का शुल्क नहीं लिया जा सकता है।

हालांकि, क्रेडिट कार्ड के मामले में प्राप्त होने वाली राशि को लेकर प्रावधानों से छूट दी गई है।

भाषा रमण अजय

अजय