सौर सेल, मोड्यूल पर मूल सीमा शुल्क लगने से दरें बढ़ेंगी: इंडिया रेटिंग्स

सौर सेल, मोड्यूल पर मूल सीमा शुल्क लगने से दरें बढ़ेंगी: इंडिया रेटिंग्स

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  • Publish Date - March 23, 2021 / 12:11 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:07 PM IST

नयी दिल्ली, 23 मार्च (भाषा) सरकार के सौर सेल और मोड्यूल्स पर एक अप्रैल, 2022 से मूल सीमा शुल्क लगाने के निर्णय से सौर बिजली दरें बढ़ेंगी और पूंजी व्यय उल्लेखनीय रूप से बढ़ने को लेकर घरेलू विनिर्माताओं के लिये अतिरिक्त जोखिम पैदा होंगे। इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने एक रिपोर्ट में यह कहा है।

रेटिंग एजेंसी के अनुसार पुन: इससे सौर परियोजनाओं को लेकर निवेशकों और अंत में उपभोक्ताओं के मामले में आकर्षण कम होगा।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘एक अप्रैल, 2022 से सौर सेल और मोड्यूल्स पर मूल सीमा शुल्क (बीसीडी) लगाये जाने से परियोजना की कुल लागत बढ़ने के करण सौर शुल्क में वृद्धि होगी।’’

इंडिया रेटिंग्स के वरिष्ठ विश्लेषक अस्मिता पंत ने कहा, ‘‘शुल्क दरों में वृद्धि से सौर ऊर्जा खरीदारों के लिये बिजली खरीद लागत 9 अरब रुपये (900 करोड़ रुपये) सालाना बढ़ जाएगी। इसमें इस बात को आधार बनाया गया है कि अगले 12 महीनों में करीब 10,000 मेगावाट सौर बिजली क्षमता कुल क्षमता में जुड़ेगी।’’

उन्होंने कहा कि यह राशि नई परियोजनाओं के चालू होने के साथ तबतक बढ़ती रहेगी जबकि शुल्क या आयात लागत और स्थानीय विनिर्माण लागत में समानता नहीं आ जाती।

पंत ने कहा, ‘‘इससे सरकार की 2030 तक 2,80,000 मेगावाट सौर क्षमता सृजित करने का लक्ष्य पर भी प्रभाव पड़ सकता है।’’

बयान के अनुसार बीसीडी उन परियोजनाओं पर भी लागू होंगी, जिन्हें बोली के तहत दी जा चुकी है। बीसीडी की समयावधि को लेकर अभी अनिश्चितता है, इससे घरेलू विनिर्माताओं के लिये उल्लेखनीय पूंजी व्यय को लेकर अतिरिक्त जोखिम पैदा होगा।

मौजूदा रक्षोपाया शुल्क (एसजीडी) व्यवस्था जुलई 2021 को समाप्त हो रही है। यह चीन, थाईलैंड और वियतनाम से आयात पर लागू है।

इंडिया रेटिंग्स के अनुसार हालांकि चूंकि बीसीडी सभी देशों पर लागू होगा, इससे किसी भी अन्य देश से आयात की गुंजाइश सीमित होगी।

भाषा

रमण मनोहर

मनोहर