केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, अब ये सरकारी कंपनी भी होने जा रही प्राइवेट, लाखों ग्राहकों पर पड़ेगा सीधा असर

Concor Privatisation: सरकार ने इसको लेकर प्लानिंग पिछले साल ही बना ली थी कि जनवरी में इस कंपनी के प्राइवेटाइजेशन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। बता दें सरकार ने कॉनकॉर को प्राइवेट करने का निर्णय लिया है।

केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, अब ये सरकारी कंपनी भी होने जा रही प्राइवेट, लाखों ग्राहकों पर पड़ेगा सीधा असर

Finance Ministry asks banks to avoid unethical methods for selling insurance policies

Modified Date: January 12, 2023 / 03:15 pm IST
Published Date: January 12, 2023 3:15 pm IST

Concor Privatisation: नई दिल्ली। केंद्र सरकार की ओर से एक और कंपनी के निजीकरण का फैसला लिया गया है। सरकार ने इसको लेकर प्लानिंग पिछले साल ही बना ली थी कि जनवरी में इस कंपनी के प्राइवेटाइजेशन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। बता दें सरकार ने कॉनकॉर को प्राइवेट करने का निर्णय लिया है। नए साल यानी जनवरी महीने में ही इसके लिए बोलियां मंगवाई जाएंगी। सरकार इस महीने कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (कॉनकॉर) के निजीकरण के लिए रुचि पत्र (EoI) या शुरुआती बोलियां आमंत्रित करेगी।

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जल्द जारी होगा सूचना ज्ञापन

Concor Privatisation: एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए कहा कि कॉनकॉर के लिए बोली दस्तावेज लगभग तैयार है और इसके लिए ‘वैकल्पिक तंत्र’ या मंत्रिमंडल के प्रमुख मंत्रियों के समूह से मंजूरी ली जानी है। अधिकारी ने मीडिया से कहा है कि हम कॉनकॉर के लिए ईओआई आमंत्रित करने को प्रारंभिक सूचना ज्ञापन जल्द से जल्द जारी करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। मंत्रिमंडल ने नवंबर, 2019 में कॉनकॉर में सरकार की 54.80 फीसदी हिस्सेदारी में से 30.8 फीसदी हिस्सेदारी की रणनीतिक बिक्री को मंजूरी दी थी। इसके साथ ही प्रबंधन नियंत्रण भी हिस्सेदारी हासिल करने वाली कंपनी को दिया जाएगा। इस बिक्री के बाद सरकार बिना किसी वीटो पावर के 24 फीसदी हिस्सेदारी अपने पास रखेगी। हालांकि, निवेशक रेल भूमि पट्टा नीति और लाइसेंस शुल्क पर स्पष्टता का इंतजार कर रहे थे, जिसके चलते बिक्री योजना अधर में लटकी हुई थी।

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अगले वित्त वर्ष तक चलेगी बिक्री

Concor Privatisation: इसके बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सितंबर में एक संशोधित नीति को मंजूरी दी, जिसमें भूमि के बाजार मूल्य के 1.5 फीसदी प्रतिवर्ष की दर से 35 साल के लिए रेलवे की जमीन को कार्गो से संबंधित गतिविधियों के लिए पट्टे पर देने का प्रावधान है। कॉनकॉर की रणनीतिक बिक्री अगले वित्त वर्ष तक चलेगी, जब संभावित निवेशक अपनी वित्तीय बोलियां सौंपेंगे। विनिवेश के लक्ष्य को लेकर अधिकारियों ने कहा है कि मार्च में खत्म होने जा रहे चालू वित्त वर्ष में अब और कोई रणनीतिक हिस्सेदारी की बिक्री की उम्मीद नहीं है. ऐसे में 65,000 करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य को पाने के लिए सरकार छोटी हिस्सेदारी की बिक्री पर जोर दे सकती है।

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