बीएसई ई-कृषि बाजार ने महाराष्ट्र में छोटे किसानों की आय बढ़ाने के लिए समझौता किया

बीएसई ई-कृषि बाजार ने महाराष्ट्र में छोटे किसानों की आय बढ़ाने के लिए समझौता किया

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  • Publish Date - June 8, 2021 / 12:38 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:53 PM IST

नयी दिल्ली, आठ जून (भाषा) बीएसई ई-कृषि बाजार (बीईएएम) ने मंगलवार को महाराष्ट्र में छोटे भू-धारी किसानों की आय बढ़ाने के लिए हरिद्रा लक्ष्मी के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।

बीएसई ने एक बयान में कहा कि इस संबंध में, दोनों संस्थाओं ने एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।

दिसंबर 2020 में प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज- बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) ने कृषि जिंसों की खरीद- फरोख्त के लिए एक अलग इलेक्ट्रॉनिक स्पॉट प्लेटफॉर्म बीईएएम की पेशकश की थी।

एक्सचेंज ने कहा कि एमओयू का उद्देश्य ज्ञान साझा करने, शिक्षा और प्रशिक्षण तथा संबंधित कार्यक्रमों के क्षेत्र में इन संस्थानों के प्रतिनिधित्व में चलाये जाने वाले भौतिक बाजारों की दक्षता बढ़ाने के लिए विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बाजार प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाना है।

दोनों संस्थाएं गोदामों की लेनदेन योग्य इलेक्ट्रॉनिक माल रसीदों (ईएनडब्ल्यूआर) को अपनाने के लिए क्षेत्र के गोदामों के साथ मिलकर काम करेंगी। इस प्रकार, समझौता दोनों पक्षों को छोटे किसानों (एसएचएफ) के लिए सार्थक परिणामों के साथ परस्पर सहयोग करने की स्थिति में लायेगा।

इसके अलावा, दोनों संस्थाएं उन संस्थानों के साथ मिलकर काम करेंगी जिनका राज्य में किसानों से सीधा और गहरा संबंध है। इनमें गोदावरी अर्बन मल्टीस्टेट क्रेडिट को-ऑप सोसाइटी लिमिटेड, सूर्या फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी और तुकाई एग्रो फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी शामिल हैं।

इन संस्थानों और कंपनियों की सामूहिक रूप से महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और गुजरात सहित विभिन्न राज्यों में महत्वपूर्ण उपस्थिति है।

उनके सदस्य हल्दी, कपास, मक्का और सोयाबीन सहित विभिन्न वस्तुओं की खुदरा बिक्री और व्यापार में भी लगे हुए हैं।

सांसद हेमंत श्रीराम पाटिल ने कहा कि इस समझौता ज्ञापन से किसान उत्पादक कंपनियों और किसानों को बीएसई की अत्याधुनिक बाजार प्रौद्योगिकियों का लाभ मिल सकेगा। हल्दी किसानों को इससे काफी फायदा होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘हम इस क्षेत्र में हल्दी की प्रसंस्करण क्षमता को बढ़ाने पर भी काम कर रहे हैं।’’

बीईएएम इन संस्थानों से जुड़े छोटे भू-धारी किसानों के साथ मिलकर काम करेगा और उन्हें इलेक्ट्रॉनिक रूप से व्यापार करने की स्थिति में लायेगा और इस प्रकार उन्हें अधिक संगठित व्यापार स्वरूपों को अपनाने की ओर जाने में मदद करेगा।

भाषा राजेश राजेश महाबीर

महाबीर