नयी दिल्ली, 19 जून (भाषा) अर्थशास्त्रियों ने कहा है कि 2024-25 के बजट में विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने के अलावा रोजगार सृजन पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बुधवार को यहां बजट पूर्व परामर्श बैठक में भाग लेने वाले अर्थशास्त्रियों ने यह बात कही।
बैठक में स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह-संयोजक अश्विनी महाजन, औद्योगिक विकास अध्ययन संस्थान (आईएसआईडी) के निदेशक और मुख्य कार्यकारी नागेश कुमार और टीसीए अनंत सहित अन्य लोग शामिल हुए।
बैठक के बाद संवाददाताओं से महाजन ने कहा कि बेरोजगारी बड़ा मुद्दा है और सरकार को रोजगार सृजन पर ध्यान देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में तेजी को देखते हुए उपभोग मांग कोई समस्या नहीं बनने जा रही है।
नागेश ने कहा, “हमने विनिर्माण क्षेत्र को आगे बढ़ाने की जरूरत पर काफी चर्चा की।”
उन्होंने कहा कि बजट में एमएसएमई और कपड़ा क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन प्रदान किया जाना चाहिए।
नागेश ने उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना का दायरा बढ़ाने की वकालत की।
वित्त मंत्रालय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा है, “केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज नयी दिल्ली में आगामी आम बजट 2024-25 के संबंध में प्रमुख अर्थशास्त्रियों के साथ बजट-पूर्व परामर्श बैठक की अध्यक्षता की।”
इसमें कहा गया, “बजटपूर्व परामर्श बैठक में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी, वित्त सचिव, आर्थिक मामलों, राजस्व, वित्तीय सेवाओं और कॉरपोरेट मामलों के विभागों के सचिव और भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) भी शामिल हुए।”
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जुलाई के आखिरी सप्ताह में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए बजट पेश कर सकती हैं।
भाषा अनुराग रमण
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