भारत की नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति का लाभ लेने के लिए आवेदन नहीं करेगी बीवाईडी |

भारत की नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति का लाभ लेने के लिए आवेदन नहीं करेगी बीवाईडी

भारत की नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति का लाभ लेने के लिए आवेदन नहीं करेगी बीवाईडी

:   Modified Date:  October 8, 2024 / 04:57 PM IST, Published Date : October 8, 2024/4:57 pm IST

नयी दिल्ली, आठ अक्टूबर (भाषा) इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाली चीन की कंपनी बीवाईडी भारत की नई ईवी नीति के तहत अल्पावधि में लाभ के लिए आवेदन नहीं करेगी। इस साल की शुरुआत में घोषित नीति का उद्देश्य वैश्विक विनिर्माताओं को देश में निवेश के लिए आकर्षित करना है।

नया वाहन पेश किये जाने के मौके पर बीवाईडी इंडिया के इलेक्ट्रिक यात्री वाहन कारोबार के प्रमुख राजीव चौहान ने यहां पीटीआई-भाषा से कहा कि कंपनी भारत में अपने मॉडल की मांगों को पूरा करने के लिए अल्पावधि में ‘होमोलोगोशन’ मार्ग पर विचार कर रही है।

कंपनी ने अपना नया इलेक्ट्रिक बहुउद्देश्यीय वाहन ई-मैक्स सात पेश किया है। इसकी कीमत 26.9 लाख रुपये से 29.9 लाख रुपये के बीच है।

‘होमोलोगेशन’ यानी आधिकारिक मंजूरी एक प्रमाणित एजेंसी के माध्यम से देश में निर्मित या आयातित सभी वाहनों के लिए सरकार द्वारा निर्धारित नियमों के तहत वाहनों को प्रमाणित करने की प्रक्रिया है।

यह पूछे जाने पर कि क्या बीवाईडी भारत में नई ईवी नीति के तहत लाभ के लिए आवेदन करेगी, उन्होंने कहा, ‘‘नीति के बारे में अच्छी जानकारी रखने वाले हमारी कंपनी के प्रतिनिधियों ने उसपर विचार किया। हमारा निर्णय इस बारे में ना है। हम अल्पावधि में इस नीति को लागू करने के लिए तैयार नहीं हैं। इसीलिए हम आवेदन नहीं कर रहे हैं।’’

चौहान ने कहा कि विनिर्माण संयंत्र होने से कुछ फायदे मिलते हैं, लेकिन बीवाईडी इंडिया अभी उसपर कदम नहीं बढ़ा रही है।

सरकार ने इस साल मार्च में टेस्ला जैसी प्रमुख वैश्विक कंपनियों को आकर्षित करने के लिए नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति की घोषणा की थी। इसके तहत उन्हें 35,000 डॉलर और उससे अधिक की कीमत वाले वाहनों पर 15 प्रतिशत के कम आयात शुल्क पर सीमित संख्या में कारों के आयात की अनुमति दी गई। यह अनुमति सरकार की मंजूरी की तिथि से पांच वर्ष की अवधि के लिए दी गयी।

नीति के तहत, स्वीकृत आवेदकों को इलेक्ट्रिक चार पहिया वाहन (ई-4डब्ल्यू) के विनिर्माण के लिए भारत में न्यूनतम 4,150 करोड़ रुपये (50 करोड़ डॉलर) के निवेश के साथ विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने और बैंक गारंटी प्रदान करने की जरूरत होगी।

भारी उद्योग मंत्रालय से मंजूरी पत्र मिलने की तारीख से तीन साल की अवधि के भीतर विनिर्माण संयंत्रों को चालू करना होगा। साथ ही उसी अवधि के भीतर 25 प्रतिशत का न्यूनतम घरेलू मूल्यवर्धन हासिल करना होगा और इसे पांच साल में 50 प्रतिशत तक बढ़ाने की जरूरत होगी।

चौहान ने बीवाईडी इंडिया के लिए अल्पकालिक रणनीति के बारे में कहा, ‘‘हम वास्तव में बाजार में उपलब्ध अवसरों का पता लगाएंगे… और जहां भी हमें लगेगा कि अवसर सरकार द्वारा निर्धारित कोटा से अधिक है, हम उसका उपयोग करेंगे। हम ‘होमोलॉगेशन’ का रास्ता अपना रहे हैं और इसके लिए आवेदन कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अत: यह साफ है कि हमारी अल्पकालीन रणनीति विनिर्माण क्षेत्र में निवेश को लेकर नहीं है और हमें इसके लिए इंतजार करना होगा।’’

भाषा रमण अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)