आम चुनाव के दौरान सरकारी बैंकों के विलय या निजीकरण पर टिप्पणी नहीं कर सकते: डीएफएस सचिव |

आम चुनाव के दौरान सरकारी बैंकों के विलय या निजीकरण पर टिप्पणी नहीं कर सकते: डीएफएस सचिव

आम चुनाव के दौरान सरकारी बैंकों के विलय या निजीकरण पर टिप्पणी नहीं कर सकते: डीएफएस सचिव

:   Modified Date:  May 17, 2024 / 07:50 PM IST, Published Date : May 17, 2024/7:50 pm IST

नयी दिल्ली, 17 मई (भाषा) वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने शुक्रवार को कहा कि वह लोकसभा चुनाव के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के विलय या निजीकरण पर टिप्पणी नहीं कर सकते।

पीएसबी के विलय की खबरों पर स्पष्टीकरण मांगे जाने पर उन्होंने कहा, ”आम चुनाव चल रहे हैं, ऐसे मुद्दों पर टिप्पणी करना उचित नहीं है।”

इससे पहले सरकार ने दो चरणों में पीएसबी का एकीकरण किया था। सबसे बड़ा एकीकरण एक अप्रैल, 2020 से प्रभावी हुआ, जिसमें 10 पीएसबी को चार में एकीकृत किया गया।

इसके तहत ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का पंजाब नेशनल बैंक में, सिंडिकेट बैंक का केनरा बैंक में, आंध्रा बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक का यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में, और इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक में विलय किया गया।

इससे पहले विजया बैंक और देना बैंक का एक अप्रैल, 2019 को बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय किया गया था।

भाषा पाण्डेय रमण

रमण

 

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