नयी दिल्ली, 21 सितंबर (भाषा) केंद्र के वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने दिल्ली के 300 किलोमीटर के दायरे में सभी 11 ताप विद्युत संयंत्रों को कोयले के साथ पराली की गांठों का ईंधन के रूप में इस्तेमाल करने का मंगलवार को निर्देश दिया।
आयोग ने कहा कि इस कदम से लाखों टन जैव ईंधन का उपयोग कर पराली जलाने के मुद्दे का समाधान करने और वायु प्रदूषण कम करने में मदद मिलेगी। आयोग ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) और आसपास के इलाकों में पराली जलाना गंभीर चिंता का विषय है। यह धान के पौधों को जलाने से बचाव और नियंत्रण की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण रणनीति हो सकती है।
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने कहा कि दिल्ली के 300 किलोमीटर के दायरे में सभी 11 ताप विद्युत संयंत्रों को पराली की गांठों का जैव ईंधन के रूप में इस्तेमाल करने का निर्देश दिया गया है। इससे पराली का प्रबंधन हो सकेगा, वायु प्रदूषण में कमी आएगी और धान की पराली का आर्थिक संसाधन के रूप में उपयोग बढ़ेगा।
भाषा आशीष उमा अजय
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