चाबहार समझौता भारत के साथ आर्थिक संबंधों में मील का पत्थरः ईरानी दूत

चाबहार समझौता भारत के साथ आर्थिक संबंधों में मील का पत्थरः ईरानी दूत

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  • Publish Date - May 17, 2024 / 06:26 PM IST,
    Updated On - May 17, 2024 / 06:26 PM IST

मुंबई, 17 मई (भाषा) ईरान के एक राजनयिक ने चाबहार बंदरगाह के परिचालन को लेकर भारत और ईरान के बीच हुए दीर्घकालिक समझौते को द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों के लिए ‘मील का पत्थर’ बताते हुए कहा कि यह भविष्य में निवेश के तमाम अवसर मुहैया कराता है।

मुंबई में ईरान के कार्यवाहक महावाणिज्य दूत दावूद रेजाई एस्कंदरी ने पीटीआई-भाषा के साथ साझा किए गए एक बयान में कहा कि इन अवसरों में चाबहार के शाहिद बहिश्ती बंदरगाह के दूसरे चरण के साथ बीओटी मॉडल पर तीसरे एवं चौथे चरण का विकास भी शामिल है।

भारत ने 13 मई को चाबहार के रणनीतिक ईरानी बंदरगाह के परिचालन के लिए 10 साल के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए जो उसे पश्चिम एशिया के साथ व्यापार का विस्तार करने में मदद करेगा।

एस्कंदरी ने कहा, ‘भारत और ईरान महत्वपूर्ण व्यापारिक भागीदार हैं। भारत हाल के वर्षों में ईरान के पांच सबसे बड़े व्यापार भागीदारों में से एक रहा है।’

उन्होंने कहा कि यह सौदा पेट्रोकेमिकल और संबंधित उद्योगों के साथ एलएनजी और एलपीजी निर्यात टर्मिनलों के निर्माण में निवेश के अवसर भी लेकर आता है। इसके अलावा छोटी रिफाइनरियों और पेट्रोकेमिकल संयंत्रों के विकास के भी अवसर पैदा होंगे।

एस्कंदरी ने बयान में कहा, ‘यह बंदरगाह अफगानिस्तान और चारों तरफ से जमीन से घिरे मध्य एशियाई देशों तक पहुंचने के लिए भारत के महत्वपूर्ण माध्यम के रूप में कार्य करता है’।

उन्होंने कहा कि पेट्रोकेमिकल, खनन, दवा, कृषि, वाहन उद्योग के साथ बुनियादी ढांचा विकास, सूचना एवं संचार और पर्यटन एवं आतिथ्य क्षेत्रों में ईरान में व्यापार के अवसर हैं।

भाषा प्रेम प्रेम रमण

रमण