वित्तीय प्रबंधन में छत्तीसगढ़ फिर बना नम्बर वन

 वित्तीय प्रबंधन में छत्तीसगढ़ फिर बना नम्बर वन

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  • Publish Date - February 7, 2018 / 02:43 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:38 PM IST

  रायपुर- भारतीय रिजर्व बैंक की ताजा रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ वित्तीय प्रबंधन के मामले में एक बार फिर पहले नम्बर पर आया है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज अपरान्ह यहां विधानसभा में वर्तमान वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए राज्य सरकार के चौथे अनुपूरक बजट पर सदन में चर्चा के दौरान इस आशय की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बेहतर वित्तीय प्रबंधन का ही यह परिणाम है कि राज्य सरकार का स्वयं का राजस्व जो वित्तीय वर्ष 2002-03 में सिर्फ तीन हजार 293 करोड़ रूपए था

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वह विगत वित्तीय वर्ष 2016-17 में बढ़कर 24 हजार 614 करोड़ रूपए हो गया। उन्होंने बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की इस रिपोर्ट के अनुसार कुल राजस्व प्राप्ति में ब्याज भुगतान के मामले में भी छत्तीसगढ़ देश में सर्वश्रेष्ठ है। अन्य राज्यों का औसत 11.7 प्रतिशत है, जबकि अकेले छत्तीसगढ़ का औसत 4.2 प्रतिशत दर्ज किया गया है। इसी तरह कुल राजस्व व्यय में कमिटेड व्यय (वेतन, पेंशन और ब्याज भुगतान आदि) में छत्तीसगढ़ 21.2 प्रतिशत के साथ देश में सर्वश्रेष्ठ पाया गया है। अन्य राज्यों का औसत इस मामले में 29.3 प्रतिशत है। मुख्यमंत्री ने आरबीआई की रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए यह भी बताया कि कुल व्यय में विकास मूलक कार्यों पर खर्च के मामले में छत्तीसगढ़ देश में दूसरे स्थान पर है। हमारे यहां विकासमूलक कार्यों पर 77.3 प्रतिशत राशि खर्च की गई। तेलांगाना राज्य 78.4 प्रतिशत के साथ प्रथम स्थान पर रहा।इसके साथ ही  छत्तीसगढ़ के राज्यपाल द्वारा प्रदेश सरकार के वित्त विभाग की ओर से एक अधिसूचना जारी कर राज्य वित्त आयोग के कार्यकाल को 31 जनवरी 2018 से 31 मई 2018 तक बढ़ा दिया गया है। इस आशय की अधिसूचना यहां मंत्रालय (महानदी भवन) से वित्त विभाग द्वारा पिछले महीने की 29 तारीख को जारी कर दी गई है।

वेब टीम IBC24