नयी दिल्ली, 29 नवंबर (भाषा) सरकार को सौंपे गए ‘बजट फॉर चिल्ड्रन’ चार्टर में अगले बजट में बच्चों के लिए संचालित सभी योजनाओं में निवेश और स्वास्थ्य बजट बढ़ाने की मांग की गई है।
केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी को सौंपे गए इस चार्टर में कहा गया है कि शिक्षा और स्वास्थ्य पर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का क्रमशः छह प्रतिशत एवं 2.5 प्रतिशत हिस्सा आवंटित करने का वादा वित्त वर्ष 2023-24 में केंद्र सरकार के साथ राज्यों के बजट में भी नजर आना चाहिए।
फिलहाल देश में शिक्षा पर व्यय जीडीपी का 3.56 प्रतिशत है जबकि स्वास्थ्य पर व्यय 2.1 प्रतिशत है।
बच्चों की मांगों से संबंधित इस चार्टर को देशभर में 3,500 बच्चों के साथ हुई व्यापक चर्चा के बाद तैयार किया गया है। ‘नेशनल इंक्लूसिव चिल्ड्रंस पार्लियामेंट’ (एनआईसीपी) की अध्यक्ष रुखसार रहमान ने केंद्रीय मंत्री के समक्ष बच्चों से जुड़ी इन मांगों को रखा।
इस चार्टर में मांग की गई है कि पीएम-पोषण योजना समेत बच्चों के लिए संचालित सभी योजनाओं के लिए निवेश बढ़ाया जाए। इसके अलावा धरती की सेहत दुरुस्त रखने के लिए जीडीपी का पांच प्रतिशत हिस्सा खर्च करने की मांग बच्चों की तरफ से की गई है।
वित्त राज्यमंत्री ने बच्चों की तरफ से रखी गई इस मांग चार्टर को एक बड़ी पहल बताते हुए कहा, ‘‘मैं आपके इन सुझावों को बजट तैयार करने वाली टीम के समक्ष रखूंगा।’’
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्रालय और महिला एवं बाल विकास समेत अन्य मंत्रालयों के साथ भी एनआईसीपी को बजट-संबंधी परिचर्चा की कोशिश करनी चाहिए।
भाषा प्रेम
प्रेम अजय
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