नासिक, 17 अक्टूबर (भाषा) महाराष्ट्र में प्याज उत्पादक किसानों के संगठन ने शुक्रवार को कहा कि दिवाली के दौरान 11 दिनों तक प्याज मंडियां बंद रखने के फैसले से पहले से ही परेशान किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है।
महाराष्ट्र राज्य प्याज उत्पादक संघ के संस्थापक-अध्यक्ष भरत दिघोले ने एक बयान में कहा कि राज्य सरकार को किसानों के साथ ऐसा अन्यायपूर्ण व्यवहार बंद करना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘किसान दिन-रात मेहनत करके प्याज उगाते हैं और जब वे अपनी उपज मंडी में लाते हैं, तो उनका स्वागत ‘मंडी बंद’ का बोर्ड करता है। यह अन्याय वर्षों से चला आ रहा है। दिवाली जैसे शुभ अवसरों पर भी किसानों को केवल कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।’’
दिघोले ने कहा, ‘‘मंडी निजी संस्थाएं नहीं हैं, वे किसानों के श्रम और उपज के कारण ही अस्तित्व में हैं। नीलामी को इतने लंबे समय तक स्थगित रखना अनुचित है। मंडी बंद करने का अधिकार केवल प्रमुख त्योहारों के दिनों तक ही सीमित होना चाहिए। किसानों के हितों को नुकसान पहुंचाने वाले अधिकारियों एवं व्यापारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के लिए कृषि उपज मंडी समितियों (एपीएमसी) में सख्त अनुशासन लागू करना ज़रूरी है।
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार को इस मुद्दे पर तुरंत संज्ञान लेना चाहिए और किसानों के नुकसान की भरपाई के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। प्याज उत्पादक पहले से ही बेहद कम कीमतों का सामना कर रहे हैं, जिससे वे आर्थिक संकट में हैं। अगर बाजार लंबे समय तक बंद रहे, तो फिर से खुलने के बाद आवक अचानक बढ़ने से कीमतें और गिर जाएंगी।’’
दिघोले ने कहा कि सरकार को प्याज बाजारों का कुशलतापूर्वक विनियमन करना चाहिए और पारदर्शी, किसान-हितैषी संचालन सुनिश्चित करना चाहिए।
भाषा राजेश राजेश प्रेम
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