कमजोर मांग से जुलाई में कोयला आयात घटा
कमजोर मांग से जुलाई में कोयला आयात घटा
नयी दिल्ली, सात सितंबर (भाषा) मानसून के दौरान सुस्त मांग और स्टॉक की बेहतर उपलब्धता के कारण जुलाई में भारत का कोयला आयात 16.4 प्रतिशत घटकर 2.10 करोड़ टन रहा है।
एक साल पहले इसी अवधि में देश का कोयला आयात 2.52 करोड़ टन था।
बी2बी ई-कॉमर्स मंच और टाटा स्टील व सेल के बीच संयुक्त उद्यम ‘एमजंक्शन’ सर्विसेज के अनुसार, चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जुलाई अवधि के दौरान भारत का कोयला आयात भी घटकर 9.74 करोड़ टन रह गया, जो एक साल पहले इसी अवधि में 10.04 करोड़ टन था।
एमजंक्शन के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विनय वर्मा ने कहा, ‘‘मानसून के दौरान सुस्त मांग और स्टॉक की बेहतर उपलब्धता के कारण कोयले के आयात में गिरावट आई। हमें सितंबर के अंत से शुरू होने वाले त्योहारी सीजन से पहले मांग में तेजी आने की उम्मीद है।’’
जुलाई में कुल आयात में से, नॉन-कोकिंग कोयले का आयात 1.15 करोड़ टन रहा, जबकि पिछले वित्त वर्ष की जुलाई की अवधि में यह 1.65 करोड़ टन था। कोकिंग कोयले का आयात 58.5 लाख टन रहा, जबकि पिछले वित्त वर्ष के जुलाई माह में यह 48.1 लाख टन रहा था।
चालू वित्त वर्ष के पहले चार माह अप्रैल-जुलाई में नॉन-कोकिंग कोयले का आयात 6.06 करोड़ टन रहा, जो एक साल पहले इसी अवधि के 6.56 करोड़ टन के आयात से कम है।
अप्रैल-जुलाई की अवधि के दौरान कोकिंग कोयले का आयात 2.22 करोड़ टन रहा, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि के 2.02 करोड़ टन से अधिक है।
कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी ने पहले कहा था कि देश को मानसून के दौरान कोयले की किसी भी कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा, क्योंकि सरकार बिजली सहित विभिन्न क्षेत्रों में मांग को पूरा करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
सरकार ने कहा था कि वह सतत विकास हासिल करने, कोयले की उपलब्धता में सुधार लाने और आयात पर निर्भरता कम करने के लिए प्रतिबद्ध है।
भाषा अजय अजय
अजय

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