कोल इंडिया, एनएमडीसी, ओवीएल विदेशों में महत्वपूर्ण खनिज संपत्तियां हासिल करने के लिए काम करेंगी

कोल इंडिया, एनएमडीसी, ओवीएल विदेशों में महत्वपूर्ण खनिज संपत्तियां हासिल करने के लिए काम करेंगी

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  • Publish Date - May 15, 2024 / 04:19 PM IST,
    Updated On - May 15, 2024 / 04:19 PM IST

नयी दिल्ली, 15 मई (भाषा) सरकार ने बुधवार को कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां कोल इंडिया, एनएमडीसी और ओएनजीसी विदेश लिमिटेड (ओवीएल) विदेशों में महत्वपूर्ण खनिज संपत्तियां हासिल करने के लिए काम करेंगी।

ओएनजीसी विदेश लिमिटेड (ओवीएल) सार्वजनिक क्षेत्र की ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन की विदेशों में निवेश करने वाली इकाई है।

इन सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) की विदेश में पहले से ही किसी न किसी तरह की मौजूदगी है।

खान सचिव वी. एल. कांता राव ने अपतटीय खनन पर एक कार्यशाला के मौके पर पत्रकारों से कहा, ‘‘ सचिवों के समूह (संसाधनों पर) ने निर्णय लिया है कि ये कंपनियां (कोल इंडिया, एनएमडीसी, ओएनजीसी विदेश लिमिटेड) आगे बढ़ें और विदेशों में महत्वपूर्ण खनिज पर भी ध्यान दें। यह एक आसान तरीका है। ये कंपनियां पहले से ही विदेशों में कारोबार कर रही हैं।’’

उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया चिली में कुछ लिथियम ब्लॉक पर सक्रिय रूप से काम कर रही है।

राव ने कहा, ‘‘कोल इंडिया सक्रिय हो रही है… एनएमडीसी पहले से ही ऑस्ट्रेलिया में सक्रिय है। उनके पास ऑस्ट्रेलिया में कुछ सोने की खदानें हैं और वे ऑस्ट्रेलिया में लिथियम खदानों पर भी गौर कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि भारत देश में तांबे और लिथियम खनिज संपत्तियों तक पहुंच प्राप्त करने के लिए चिली के साथ गठजोड़ करना चाहता है।

राव ने कहा, ‘‘ हम महत्वपूर्ण खनिजों के लिए चिली के साथ मौजूदा एफटीए (मुक्त व्यापार समझौते) का विस्तार करने पर विचार कर रहे हैं। ताकि हम उन तक ‘जी टू जी’ (सरकार से सरकार) पहुंच प्राप्त कर सकें।’’

सचिव ने कहा कि भारत लंबे समय से लिथियम ब्लॉक के लिए ऑस्ट्रेलिया में रुचि दिखा रहा है। इस वर्ष ‘‘ हमारा लक्ष्य ऑस्ट्रेलिया में इस मोर्चे पर कुछ करने का है।’’

उन्होंने कहा कि भारत मंगोलिया में कुछ कोयला और तांबे की संपत्तियों पर विचार कर रहा है और सरकार इस भूमि से घिरे देश के साथ व्यापार मार्गों पर गौर कर रही है।

सचिव ने कहा कि भारत लिथियम सहित महत्वपूर्ण खनिजों के लिए जाम्बिया के साथ संयुक्त रूप से खनन भी कर रहा है।

तांबा, लिथियम, निकल, कोबाल्ट और दुर्लभ तत्व जैसे महत्वपूर्ण खनिज आज पवन टर्बाइन और बिजली नेटवर्क से लेकर इलेक्ट्रिक वाहनों तक… तेजी से बढ़ती स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों में से कई में आवश्यक घटक हैं। स्वच्छ ऊर्जा बदलाव में तेजी आने के साथ इन खनिजों की मांग भी तेजी से बढ़ रही है।

भाषा निहारिका अजय

अजय