नयी दिल्ली, 26 सितंबर (भाषा) किसी कंपनी के कॉरपोरेट कार्यालय द्वारा विभिन्न राज्यों में पंजीकृत अपने समूह की कंपनियों/निर्माण स्थलों पर दी गई प्रबंधकीय या नेतृत्वकारी सेवाओं को ‘सेवाओं की आपूर्ति’ माना जाएगा और इन पर 18 प्रतिशत का माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लगेगा। अग्रिम निर्णय प्राधिकरण (एएआर) की महाराष्ट्र पीठ ने यह व्यवस्था दी है।
बी जी शिर्के कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजी प्राइवेट लि. ने एएआर से संपर्क कर यह जानना चाहा था कि पंजीकृत कॉरपोरेट कार्यालय द्वारा अपने समूह की कंपनियों को प्रबंधकीय और नेतृत्वकारी सेवाओं की आपूर्ति को क्या सेवाओं की आपूर्ति माना जाएगा।
इसके अलावा उसने पूछा था कि क्या पंजीकृत/कॉरपोरेट कार्यलय द्वारा अपने समूह की कंपनियों से वसूली गई एकमुश्त राशि पर जीएसटी लगेगा।
महाराष्ट्र एएआर ने इस पर फैसला देते हुए व्यवस्था दी कि कॉरपोरेट कार्यालय द्वारा समूह की कंपनियों को दी गई प्रबंधकीय या नेतृत्वकारी सेवाओं को सेवाओं की आपूर्ति माना जाएगा और इनपर जीएसटी लगेगा।
एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के वरिष्ठ भागीदार रजत मोहन ने कहा कि इस फैसले का मतलब है कि अंतर-कंपनी सेवाओं पर 18 प्रतिशत का अतिरिक्त जीएसटी देय होगा।
उन्होंने कहा कि इस फैसले से बहु-स्थलों पर कंपनियों के नेटवर्क के जरिये परिचालन करने वाली कंपनियों पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा।
मोहन ने कहा कि इस तरह की प्रशासनिक और नेतृत्वकारी सेवाओं के लिए मासिक या तिमाही आधार पर सही गणना सभी बड़े कॉरपोरेट घरानों के लिए चुनौती होगा।
भाषा अजय अजय पाण्डेय
पाण्डेय
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
खबर परिणाम एचडीएफसी बैंक दो
1 hour agoजोमैटो को 11.82 करोड़ रुपये का कर नोटिस
2 hours ago