न्यायालय ने अजीम प्रेमजी, अन्य के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई पर रोक की अवधि बढ़ायी |

न्यायालय ने अजीम प्रेमजी, अन्य के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई पर रोक की अवधि बढ़ायी

न्यायालय ने अजीम प्रेमजी, अन्य के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई पर रोक की अवधि बढ़ायी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:50 PM IST, Published Date : October 5, 2021/11:25 pm IST

नयी दिल्ली, पांच अक्टूबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को विप्रो के पूर्व चेयरमैन अजीम प्रेमजी, उनकी पत्नी और अन्य के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई पर रोक की अवधि बढ़ा दी। प्रेमजी और अन्य की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने यह आदेश दिया।

याचिका में एक गैर-सरकारी संगठन की कथित रूप से गलत इरादे से की गयी शिकायत पर बेंगलुरु की एक अदालत के समन को खारिज करने का आदेश देने का आग्रह किया गया है। शिकायत में प्रेमजी समूह की कंपनी के साथ तीन कंपनियों के विलय को लेकर विश्वास हनन और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया है।

न्यायाधीश एस के कौल और न्यायाधीश एम एम सुंदरेश की पीठ प्रेमजी और अन्य की याचिका पर सुनवाई कर रही है। याचिका में कर्नाटक उच्च न्यायालय के 15 मई के आदेश को चुनौती दी गयी है। आदेश में सुनवाई अदालत के 27 जनवरी को जारी समन को खारिज करने से इनकार कर दिया गया था।

मामले पर अब दो दिसंबर को सुनवाई होगी।

इससे पहले, शीर्ष अदालत ने गैर-सरकारी संगठन इंडियन अवेक फॉर ट्रांसपरेंसी और अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था।

प्रेमजी और अन्य ने उच्च न्यायालय के 15 मई के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें सुनवाई अदालत के 27 जनवरी के समन के आदेश को खारिज करने के आग्रह वाली याचिका को खारिज कर दिया गया था।

उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाले अन्य लोगों में पगलथीवर्ती श्रीनिवासन, कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय में तत्कालीन क्षेत्रीय निदेशक एम आर भट्ट और चार्टर्ड अकाउंटेंट जी वेंकटेश्वर राव शामिल हैं।

सुनवाई अदालत ने इंडिया अवेक फॉर ट्रांसपेरेंसी द्वारा दायर एक शिकायत के आधार पर समन जारी किया था। शिकायत में तीन कंपनियों से एक निजी ट्रस्ट और एक नवगठित कंपनी में 45,000 करोड़ रुपये की संपत्ति के हस्तांतरण में गड़बड़ी का आरोप लगाया गया है।

भाषा

रमण अजय

अजय

 

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