नयी दिल्ली, आठ दिसंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय चीन को लौह अयस्क को पेलेट के रूप में निर्यात कर रही कुछ कंपनियों के शुल्क चोरी में कथित रूप से लिप्त होने की जांच करने और प्राथमिकी दर्ज करने की अपील करने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई को सहमत हो गया है।
मुख्य न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना एवं न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने यह जनहित याचिका दायर करने वाले वकील एम एल शर्मा का पक्ष सुनने के बाद इस याचिका की सुनवाई पर सहमति जताई। पीठ ने कहा कि वह इस मामले को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करेगी।
इस याचिका में मांग की गई है कि वर्ष 2015 से चीन को लौह अयस्क का पेलेट के रूप में निर्यात कर रही कुछ कंपनियां कथित रूप से शुल्क चोरी कर रही हैं। लिहाजा केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर इस मामले की जांच का आदेश दिया जाए।
इस मामले में न्यायालय ने गत 15 जनवरी को केंद्र सरकार एवं अन्य पक्षों को नोटिस भेजा था। बाद में 24 सितंबर को उसने एक गैर-सरकारी संगठन ‘कॉमन कॉज’ की तरफ से भी इसी बारे में दायर एक जनहित याचिका पर फिर से नोटिस भेजा था।
इस पर केंद्र सरकार ने अपने हलफनामे में कहा था कि किसी भी उत्पाद पर निर्यात शुल्क लगाना या हटाना सरकार का एक नीतिगत कदम होता है लिहाजा इन याचिकाओं को खारिज कर दिया जाना चाहिए।
भाषा
प्रेम अजय
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