अदालत ने आईपीओ को मंजूरी देने से जुड़ी 19 साल के युवक की याचिका पर सुनवाई से इनकार किया

अदालत ने आईपीओ को मंजूरी देने से जुड़ी 19 साल के युवक की याचिका पर सुनवाई से इनकार किया

  •  
  • Publish Date - November 26, 2021 / 11:44 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:52 PM IST

नयी दिल्ली, 26 नवंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को ‘आईपीओ (आरंभिक सार्वजनिक निर्गम) जारी करने में जल्दबाजी के तरीके’ के खिलाफ एक 19 वर्षीय युवक द्वारा दायर याचिका पर यह कहते हुए विचार करने से इनकार कर दिया कि यह ‘एक ब्लैकमेल करने के तरीके जैसी याचिका’ है। साथ ही अदालत ने पूछा कि क्या ऐसा ‘कुछ कंपनियों को परेशान करने’ के लिए किया गया है और यह याचिका ‘किसके इशारे पर’ दायर की गयी है।

मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने कहा कि याचिका में उठाए गए मुद्दों में ‘बारीक जानकारी’ शामिल हैं और इसका किसी युवा याचिकाकर्ता से संबंध नहीं हो सकता। पीठ में न्यायमूर्ति ज्योति सिंह भी शामिल थीं।

पीठ ने पूछा, “आईपीओ के बारे में कैस निर्णय किए जाते हैं? शेयरधारिता कितने प्रकार की होती है?… जब आप (याचिकाकर्ता के वकील) यह नहीं जानते, तो 19 साल के लड़के को यह सब कैसे पता होगा?’

याचिकाकर्ता के वकील ने दावा किया कि लड़का एक खुदरा निवेशक है जो प्रतिभूति बाजार के उचित कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए एक संरचना की मांग कर रहा है।

उच्च न्यायालय ने पूछा, “यह याचिका किसके इशारे पर दायर की गयी है? आपको सरकार के पास जाना चाहिए था। आपको संबंधित पक्ष को (अदालत के समक्ष) लाना चाहिए। याचिका दायर करने वाला 19 साल का एक लड़का है। अगर हम उसे जिरह के लिए बुलाते हैं (चूंकि) मामला शपथ लेकर दायर किया गया है, तो हो सकता है कि उसे क, ख, ग भी नहीं पता हो।”

पीठ ने जब याचिकाकर्ता के वकील से कहा कि वह या तो आवेदन के जरिये सरकार के समक्ष अपनी बातों को रखे या ‘फिर वह याचिका खारिज कर देगी, तो वकील ने बिना किसी शर्त के याचिका वापस ले ली।

भाषा प्रणव रमण

रमण