अदालत ने अवंता समूह के प्रवर्तक गौतम थापर की जमानत याचिका पर ईडी से एक अक्टूबर तक जवाब मांगा |

अदालत ने अवंता समूह के प्रवर्तक गौतम थापर की जमानत याचिका पर ईडी से एक अक्टूबर तक जवाब मांगा

अदालत ने अवंता समूह के प्रवर्तक गौतम थापर की जमानत याचिका पर ईडी से एक अक्टूबर तक जवाब मांगा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:50 PM IST, Published Date : September 27, 2021/9:20 pm IST

नयी दिल्ली, 27 सितंबर (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को उद्योगपति और अवंता ग्रुप ऑफ कंपनीज के प्रवर्तक गौतम थापर की जमानत याचिका पर एक अक्टूबर तक अपना जवाब देने को कहा है। थापर धन शोधन के मामले में हिरासत में हैं।

विशेष न्यायाधीश संजीव अग्रवाल ने अपना जवाब देने के लिए ईडी को तीन दिन का समय और दिया है। एजेंसी ने अपना जवाब देने के लिए अदालत से और समय मांगा था।

इस मामले की अगली सुनवाई एक अक्टूबर को होगी।

जमानत याचिका में दावा किया गया है कि आरोपी से हिरासत में पूछताछ की और जरूरत नहीं है और उन्हें आगे हिरासत में रखने की कोई जरूरत नहीं है।

जमानत अपील विधि कंपनी करंजवाला एंड कंपनी के जरिये दाखिल की गई है। याचिका में कहा गया है कि इस बात की कोई संभावना नहीं है कि आरोपी द्वारा सबूतों से छेड़छाड़ की जा सकती है या वह गवाहों को प्रभावित कर सकता है।

थापर (60) को तीन अगस्त को धन शोधन रोधक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले एजेंसी ने आरोपी तथा उनसे संबंधित कारोबार पर दिल्ली और मुंबई में छापेमारी की थी।

ईडी आरोपी की कंपनी अवंता रियल्टी तथा यस बैंक के सह-संस्थापक राणा कपूर और उनकी पत्नी के साथ हुए लेनदेन की जांच कर रहा है। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी पर संज्ञान लेते हुए ईडी ने धन शोधन का मामला दायर किया था।

सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि यस बैंक के तत्कालीन प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) राणा कपूर को ऋण की मंजूरी तथा अन्य कारोबारी रियायतें देने के एवज में अवंता रियल्टी ने दिल्ली में एक प्रमुख स्थान अमृता शेरगिल मार्ग पर बाजार मूल्य से काफी कम कीमत पर संपत्ति उपलब्ध कराई।

सीबीआई ने पिछले साल कपूर और उनकी पत्नी के खिलाफ दिल्ली में बंगले की खरीद के जरिये 307 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने का मामला दर्ज किया था। इसके एवज में रियल्टी कंपनी को करीब 1,900 करोड़ रुपये का ऋण मंजूर किया गया था।

भाषा अजय

अजय महाबीर

महाबीर

 

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