मौजूदा विदेश व्यापार नीति को मार्च 2023 तक बढ़ाने का फैसला |

मौजूदा विदेश व्यापार नीति को मार्च 2023 तक बढ़ाने का फैसला

मौजूदा विदेश व्यापार नीति को मार्च 2023 तक बढ़ाने का फैसला

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:26 PM IST, Published Date : September 26, 2022/8:53 pm IST

नयी दिल्ली, 26 सितंबर (भाषा) सरकार ने इस समय लागू विदेश व्यापार नीति (2015-20) को छह और महीनों के लिए आगे बढ़ाने का फैसला किया है।

वाणिज्य मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव अमित यादव ने सोमवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि मौजूदा विदेश व्यापार नीति को मार्च 2023 तक के लिए बढ़ा दिया गया है। इसकी अवधि 30 सितंबर को ही समाप्त होने वाली थी।

यादव ने कहा कि उद्योग संगठनों एवं निर्यात संवर्धन परिषदों जैसे विभिन्न क्षेत्रों से मौजूदा व्यापार नीति को ही फिलहाल बनाए रखने का अनुरोध किया गया था। उन्होंने कहा कि विदेश व्यापार से जुड़े सभी संबंधित पक्षों के साथ चर्चा के बाद यह फैसला किया गया है।

विदेश व्यापार से जुड़े तमाम संगठनों का मानना है कि वैश्विक चुनौतियों और रुपये की स्थिति में आ रहे उतार-चढ़ाव को देखते हुए अभी मौजूदा नीति को ही जारी रखना सही होगा। उनका कहना है कि नई विदेश व्यापार नीति को नए वित्त वर्ष की शुरुआत से लागू करना वाजिब होगा।

यादव ने कहा कि मौजूदा नीति को अगले छह महीनों के लिए बढ़ाए जाने के बारे में विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) एक अधिसूचना जारी करेगा। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘हमें नई नीति जारी करने को आगे टालना होगा। मौजूदा नीति ही अभी जारी रहेगी।’

उद्योग एवं वाणिज्य मंत्रालय ने पहले कहा था कि सितंबर के अंत तक वह नई विदेश व्यापार नीति जारी कर देगा। इसके पहले मौजूदा नीति को अप्रैल में सितंबर के लिए बढ़ाया गया था।

विदेश व्यापार नीति के तहत देश से होने वाले निर्यात को बढ़ावा देने और आयात पर निर्भरता कम करने के प्रावधान किए जाते हैं। इसमें देश की आर्थिक प्रगति को गति मिलने और नए रोजगार पैदा होने का भी लक्ष्य रखा जाता है।

निर्यातक संगठनों के महासंघ फियो के महानिदेशक अजय सहाय ने नई विदेश व्यापार नीति के क्रियान्वयन को टालने को एक समझदारी भरा फैसला बताया। उन्होंने कहा, ‘कई देशों में मंदी के हालात बन रहे हैं और मुद्राओं में भी बड़ी गिरावट देखी जा रही है। यह एक नई व्यापार नीति लाने का वक्त नहीं है।’

भारत का निर्यात चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों में 17.68 प्रतिशत बढ़कर 193.51 अरब डॉलर रहा है। लेकिन इस दौरान आयात कहीं ज्यादा 45.74 प्रतिशत बढ़कर 318 अरब डॉलर हो गया। इस तरह अप्रैल-अगस्त की अवधि में देश का व्यापार घाटा बढ़कर 124.52 अरब डॉलर हो गया है।

भाषा प्रेम

प्रेम रमण

रमण

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

Flowers