संगठन में समावेशी संस्कृति के बगैर विविधता बेअसरः यूनिलीवर सीओओ

संगठन में समावेशी संस्कृति के बगैर विविधता बेअसरः यूनिलीवर सीओओ

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  • Publish Date - November 25, 2021 / 06:05 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:22 PM IST

नयी दिल्ली, 25 नवंबर (भाषा) यूनिलीवर के मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) नितिन परांजपे का मानना है कि किसी भी संगठन में विविधता होने से नवाचार एवं वृद्धि जैसे फायदे होते हैं लेकिन समावेशी संस्कृति होने पर ही ऐसा होना संभव है।

परांजपे ने बृहस्पतिवार को उद्योग मंडल सीआईआई के ‘एचआर कॉन्क्लेव’ को संबोधित करते हुए कहा कि विविधता तभी काम करती है जब संगठन के भीतर समावेशी संस्कृति हो। उन्होंने कहा, ‘इस मामले में यूनिलीवर अगुवा होना चाहती है क्योंकि हमारा मत है कि यह हमारा कारोबार बढ़ाने वाला एक कारक होगा।’

यूनिलीवर के सीओओ ने कहा कि संगठन में विविधता होने से नवाचार को बढ़ावा मिलता है जो आगे चलकर कारोबार विस्तार में मदद करता है। लेकिन इसके लिए संगठन के भीतर समावेशी संस्कृति होनी जरूरी है। उन्होंने कहा, ‘ समावेश के अभाव में विविधता भी कारगर नहीं हो पाती है।’

परांजपे ने कहा कि इसी बात को ध्यान में रखते हुए उनके संगठन में नेतृत्व से जुड़े लोगों को समावेश के प्रशिक्षण से गुजरना पड़ता है। इससे पता चलता है कि हमें इस संस्कृति के विकास के लिए क्या कदम उठाने चाहिए।

भाषा

प्रेम रमण

रमण