नयी दिल्ली, 12 अक्टूबर (भाषा) दूरसंचार क्षेत्र के लिए अपने सुधार एजेंडा के अनुरूप सरकार ने मंगलवार को भविष्य की स्पेक्ट्रम नीलामी में स्पेक्ट्रम की वार्षिक किस्त की अदायगी सुनिश्चित करने के लिए वित्तीय बैंक गारंटी (एफबीजी) की अनिवार्यता को वापस लेने के बारे में अधिसूचना जारी कर दी।
दूरसंचार विभाग ने कहा कि इस कदम से नीलामी के भागीदारों की पात्रता शर्तों के लिए स्थिति स्पष्ट हो सकेगी और इससे उनके पास पर्याप्त वित्तीय क्षमता रहेगी।
इससे पहले सरकार ने पिछले महीने दूरसंचार क्षेत्र के लिए कुछ बड़े सुधारों की घोषणा की थी। इन उपायों से दूरसंचार क्षेत्र को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।
दूरसंचार विभाग की वेबसाइट पर एक परिपत्र में कहा गया है, ‘‘भविष्य में होने वाली स्पेक्ट्रम नीलामी में सफल बोलीदाता के लिए वित्तीय बैंक गारंटी देने की जरूरत नहीं होगी। यह किस्तों की अदायगी सुनिश्चित करने के लिए एक वार्षिक किस्त के बराबर होती है। इसके अलावा नेटवर्क शुरू करने के लिए प्रदर्शन बैंक गारंटी (पीबीजी) को जमा कराने की जरूरत को भी हटा दिया गया है।’’
भविष्य की नीलामियों में स्पेक्ट्रम 30 साल के लिए दिया जाएगा, लेकिन पिछली बोलियों में आवंटित रेडियो तरंगों के लिए इसमें कोई बदलाव नहीं होगा।
परिपत्र में कहा गया है कि पिछली नीलामियों में आरक्षित मूल्य और बोलियां 20 साल की वैधता के अनुरूप थीं ऐसे में उनमें आवंटित स्पेक्ट्रम की अवधि में कोई बदलाव नहीं होगा।
स्पेक्ट्रम की नीलामी 30 साल के लिए करने को भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) से सिफारिशें ली जाएंगी। इन सिफारिशों में अग्रिम भुगतान की जरूरत, अग्रिम भुगतान के बाद रोक की अवधि, किस्तों की संख्या और अन्य तौर-तरीके शामिल होंगे।
स्पेक्ट्रम की नीलामी सामान्य तौर पर प्रत्येक वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में की जाएगी।
भाषा अजय अजय रमण
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