मुंबई, 22 सितंबर (भाषा) केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार अगले कुछ दिनों में डेटा संरक्षण विधेयक का एक नया मसौदा पेश करेगी।
वैष्णव ने यहां ‘ग्लोबल फिनटेक फेस्ट’ के तीसरे संस्करण में कहा कि विधेयक तैयार करते समय विभिन्न हितधारकों से मिले सुझावों पर विचार किया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह कुछ दिन की बात है जब विधेयक को परामर्श के लिए अपलोड किया जाएगा।’’
सरकार ने अगस्त की शुरुआत में व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक को वापस ले लिया था। इस विधेयक को पहली बार 2019 के अंत में पेश किया गया था।
वैष्णव ने कहा कि संयुक्त संसदीय समिति ने मूल मसौदे के तहत 91 धाराओं के इस विधेयक में 88 संशोधनों का सुझाव दिया। ऐसे में सरकार ने फैसला किया कि मूल विधेयक को पूरी तरह से वापस लेने के अलावा ‘कोई विकल्प नहीं’ है।
उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान हालात काफी बदले, जिससे नई सीख मिली और जिसे कानून में शामिल किया जाना चाहिए।
मंत्री ने हालांकि साफ किया कि डेटा संरक्षण पर कानून के अभाव में भी निजता के उल्लंघन के बारे में चिंता नहीं करनी चाहिए, क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने इसे मौलिक अधिकार घोषित किया है।
उन्होंने उद्योग से कहा कि वे ऑनलाइन गेमिंग, फेक न्यूज, क्रिप्टो, भुगतान, ऋण धोखाधड़ी जैसे विषयों पर कानून और विनियम तैयार करने के लिए सरकार के साथ सक्रिय रूप से काम करें, ताकि इन मुद्दों पर समय से कार्रवाई की जा सके।
वैष्णव कहा कि समाज को बदलते समय के साथ तालमेल बिठाने की जरूरत है और डिजिटल दुनिया में लत लगना ‘बहुत आसान’ है, और नियम इसमें मददगार होंगे।
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, ‘‘अगर हम ऐसा नहीं करते हैं, तो समाज की प्रतिक्रिया होगी… इससे इतनी नाराजगी होगी कि उद्योग कल इसका सामना नहीं कर पाएगा।’’
वैष्णव ने कहा कि सरकार को उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक्टूबर की शुरुआत में 5जी सेवाओं की शुरुआत कर देंगे और अगले दो वर्षों में देश के एक बड़े हिस्से में ये सेवाएं उपलब्ध होंगी।
भाषा पाण्डेय अजय
अजय
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