मुंबई, 24 दिसंबर (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने निवेशकों के साथ 2,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में आरोपी केदार वांजपे को जमानत दे दी। वांजपे, पुणे के बिल्डर एवं डीएसके समूह से जुड़े दीपक कुलकर्णी के दामाद हैं।
कुलकर्णी और उनकी पत्नी हेमंती, वांजपे और अन्य को भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं और महाराष्ट्र के जमाकर्ताओं के हितों का संरक्षण (वित्तीय प्रतिष्ठानों में) कानून के तहत 2018 में गिरफ्तार किया गया था।
न्यायमूर्ति एन डब्ल्यू साम्ब्रे की एकल पीठ ने बृहस्पतिवार को वांजपे को एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी। अदालत ने कहा कि ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है जो साबित करता हो कि वांजपे ने जमाकर्ताओं को उच्च रिटर्न देने का वादा किया था।
वांजपे के वकील अनिकेत निकम ने दलील दी थी कि मामले में दो अन्य आरोपियों- निदेशक हेमंती कुलकर्णी (वांजपे की सास) और उपाध्यक्ष अनुराधा पुरंदरे को उच्च न्यायालय ने पहले ही जमानत दे दी थी।
विशेष लोक अभियोजक प्रवीन चव्हाण ने वांजपे की जमानत याचिका का विरोध किया और कहा कि वह आपराधिक साजिश रचने में शामिल थे।
अदालत ने कहा कि वांजपे की भूमिका केवल फुरसुंगी में जमीन खरीदने के लिए लेनदेन कराने से संबंधित थी।
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मानसी रमण
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