ईसीएलजीएस में संशोधन, कर्ज की सीमा 400 करोड़ से बढ़कर 1,500 करोड़ रुपये हुई |

ईसीएलजीएस में संशोधन, कर्ज की सीमा 400 करोड़ से बढ़कर 1,500 करोड़ रुपये हुई

ईसीएलजीएस में संशोधन, कर्ज की सीमा 400 करोड़ से बढ़कर 1,500 करोड़ रुपये हुई

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:35 PM IST, Published Date : October 5, 2022/7:10 pm IST

नयी दिल्ली, पांच अक्टूबर (भाषा) वित्त मंत्रालय ने कोविड-19 महामारी से प्रभावित विमानन उद्योग को नकदी संकट से उबारने में मदद करने के लिए आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) में संशोधन किया है।

मंत्रालय ने इस योजना के तहत कर्ज की सीमा 400 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1,500 करोड़ रुपये कर दिया है।

इस संबंध में बुधवार को जारी बयान के अनुसार, वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) ने यह मानते हुए कि देश के आर्थिक विकास के लिए एक कुशल और मजबूत नागरिक उड्डयन क्षेत्र महत्वपूर्ण है……एयरलाइनों के लिए अधिकतम ऋण राशि की पात्रता बढ़ाने के लिए मंगलवार को ईसीएलजीएस में संशोधन किया।

संशोधित ईसीएलजीएस 3.0 के अनुसार, एयरलाइन कंपनियों की पात्रता उनकी निधि-आधारित या गैर-निधि-आधारित ऋण का 100 प्रतिशत या 1,500 करोड़ रुपये, जो भी कम हो, के आधार पर तय होंगी।

वहीं, 30 अगस्त 2022 को जारी ईसीएलजीएस के परिचालन दिशानिर्देशों के तहत निर्धारित अन्य सभी मानदंड, नियम और शर्तें पहले की तरह ही लागू रहेंगी।

बयान के अनुसार, संशोधनों का उद्देश्य विमानन कंपनियों को वर्तमान नकदी प्रवाह की समस्याओं से निपटने के लिए उचित ब्याज दरों पर आवश्यक गिरवी-मुक्त नकदी की सुविधा देना है।

इससे पहले मार्च 2022 में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा केंद्रीय बजट 2022-23 में की गई घोषणा को लागू करने के लिए ईसीएलजीएस की अवधि को मार्च 2022 से बढ़ाकर मार्च 2023 कर दिया गया था।

भाषा जतिन जतिन रिया

जतिन

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

Flowers