नयी दिल्ली, 25 सितंबर (भाषा) सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) के एक इंजीनियरिंग निकाय ने घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए सरकार से अपने क्षेत्र के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना की घोषणा करने का अनुरोध किया है।
लुधियाना स्थित हैंड टूल्स एसोसिएशन ने वाणिज्य मंत्रालय को भेजे एक ज्ञापन में कहा है कि यह इंजीनियरिंग क्षेत्र हर साल एक करोड़ रुपये की बिक्री पर औसतन 7.25 लोगों को रोजगार देता है जबकि साइकिल एवं कपड़ा क्षेत्र के लिए रोजगार का अनुपात क्रमशः 4.75 और 5-6 है।
देश से हैंड टूल उद्योग का निर्यात सालाना करीब 3,200 करोड़ रुपये का है।
हैंड टूल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एस सी रल्हन ने कहा कि भारतीय हैंड टूल उद्योग को अपनी पूरी क्षमता के दोहन की राह में अभी लंबा सफर तय करना है और इसमें व्यापक संभावनाएं मौजूद हैं। हालांकि इसके रास्ते में सबसे बड़ी चुनौती इस क्षेत्र के तीव्र आधुनिकीकरण की है।
रल्हन ने कहा, ‘‘वैश्विक स्तर पर कुल हैंड टूल उद्योग करीब 30,000 करोड़ रुपये का है और इसके आधुनिकीकरण एवं वृद्धि की बहुत संभावनाएं हैं। ऐसे में हम अनुरोध करते हैं कि सरकार को इस उद्योग को प्राथमिकता देनी चाहिए और इसे भी पीएलआई योजना के दायरे में लेकर आना चाहिए।’’
सरकार सौर उपकरण, इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद, दवा एवं वाहन उपकरण जैसे 14 क्षेत्रों के लिए पीएलआई योजना चला रही है। इन क्षेत्रों में घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए सरकार इन क्षेत्रों की कंपनियों को प्रोत्साहन देती है।
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प्रेम अजय
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