(मौमिता बख्शी चटर्जी)
नयी दिल्ली, तीन अक्टूबर (भाषा) प्रौद्योगिकी कंपनी गूगल इंडिया की प्रबंध निदेशक (एमडी) रोमा दत्ता चौबे ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत में 20 साल पूरे करने के बाद गूगल यहां अपनी अगली पारी को लेकर उत्साहित है, जिसमें कृत्रिम मेधा (एआई) बड़ी भूमिका निभाएगी।
उन्होंने कहा कि कंपनी अपने दृष्टिकोण और रणनीति को देश की वृद्धि और महत्वाकांक्षाओं के साथ पूरी तरह से जोड़ रही है।
उन्होंने पीटीआई-भाषा से विशेष बातचीत में कहा कि एआई को विनियमित किया जाना चाहिए, लेकिन इस तरह से कि उपयोगकर्ता के लाभ, जो ‘अब भी प्रारंभिक अवस्था में है’ के बीच एक अच्छा संतुलन बना रहे और साथ ही, नवाचार को बढ़ावा मिले।
उन्होंने कहा कि भारत गूगल के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण बाजार है। उन्होंने एआई, भुगतान, गूगल पिक्सल विनिर्माण और कौशल विकास जैसे क्षेत्रों में कंपनी की गहरी प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।
कुछ भारतीय स्टार्टअप इकाइयों द्वारा कथित प्रतिस्पर्धा-रोधी प्रथाओं पर चिंता जताए जाने के बारे में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में चौबे ने कहा कि गूगल देश में स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के साथ ‘गहन और निकटता से’ साझेदारी और काम कर रही है, तथा गूगल प्लेस्टोर पर लाखों ऐप्स रखे गए हैं।
उन्होंने कहा, “गूगल के रूप में, हम स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के साथ गहन साझेदारी कर रहे हैं, और गूगल प्ले पर हम लाखों ऐप्स रखते हैं… हम एंड्रॉयड डेवलपर के प्रशिक्षण में भी निवेश करते हैं… इसलिए मुझे लगता है कि हम भारत में स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के साथ गहराई से और निकटता से काम कर रहे हैं, और हम प्रतिबद्ध हैं और भारत डिजिटलीकरण कोष के माध्यम से ऐसा करना जारी रखेंगे…”
उन्होंने कहा कि गूगल ने भारत में 20 वर्ष पूरे कर लिए हैं और वह अगले 20 वर्षों के लिए उत्साहित है, जिसमें ‘एआई यहां बड़ी भूमिका निभाने जा रहा है।’
चौबे ने कहा कि गूगल अपने लक्ष्यों को भारत की वृद्धि और दृष्टिकोण के अनुरूप बना रही है।
उन्होंने कहा, “आज, हमारे पास 10,000 से अधिक ‘गूगलर’ हैं, जो भारत और अन्य बाजारों के लिए देश से काम कर रहे हैं। और हमारी उपस्थिति पांच शहरों में है, इसलिए यहां कई कार्यालय हैं, जो वास्तव में बहुत महत्वपूर्ण है… जब भारत की बात आती है, तो मैं हमेशा यही कहती हूं – जो भारत के लिए अच्छा है, वह गूगल के लिए भी अच्छा है…”
कंपनी भारत की डिजिटल क्रांति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। चौबे ने कहा कि भारतीय बड़े पैमाने पर कृत्रिम मेधा (एआई) को अपना रहे हैं।
चौबे ने कहा कि कंपनी सूचना और अवसरों को लोकतांत्रिक बनाने के लिए एआई का लाभ उठाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है और यहां एक संपन्न एआई पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाना चाहती है।
गूगल इंडिया की शीर्ष अधिकारी ने कहा कि कंपनी देश में एआई, भुगतान और उपकरण विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में बड़ा दांव लगा रही है।
भारत में आकार ले रहे नियामकीय ढांचे पर एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि गूगल का मानना है कि एआई को इस तरह से विनियमित किया जाना चाहिए, जिससे उपयोगकर्ता का लाभ सुनिश्चित हो और नवाचार को बढ़ावा मिले।
चौबे ने कहा, “गूगल विनियमन में विश्वास करती है…हमारा मानना है कि प्रौद्योगिकी को अच्छी तरह से विनियमित किया जाना चाहिए। हमारा मानना है कि एआई को इस तरह से विनियमित किया जाना चाहिए कि उपयोगकर्ता के लाभ का ख्याल रखा जाए…साथ ही नवाचार को पनपना चाहिए, इसलिए यह एक संतुलन है जिसे बनाए रखने की आवश्यकता है।”
उन्होंने कहा कि गूगल भारतीय स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के साथ ‘मिलकर’ काम कर रही है। भारत गूगल के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार रहा है और रहेगा।
चौबे ने कहा, “भारत उपयोगकर्ता के दृष्टिकोण और शोध एवं विकास दोनों से ही गूगल के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण बाजार है।”
भाषा अनुराग अजय
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