नयी दिल्ली, 16 मई (भाषा) निर्यातकों के शीर्ष संगठन फियो ने बृहस्पतिवार को कहा कि वैश्विक स्तर पर चुनौतियों के बावजूद देश का वस्तु निर्यात चालू वित्त वर्ष में 12 से 15 प्रतिशत तक बढ़कर 500 अरब डॉलर पर पहुंचने का अनुमान है।
फियो ने निर्यात को गति देने के लिए प्रतिस्पर्धी दर पर दीर्घकालीन कर्ज उपलब्ध कराने, ब्याज छूट बढ़ाने, निर्यात विकास कोष बनाने जैसे सुझाव भी दिये।
वस्तु निर्यात बीते वित्त वर्ष 2023-24 में तीन प्रतिशत से अधिक बढ़कर 437.1 अरब डॉलर रहा है।
भारतीय निर्यात संगठनों के महासंघ (फियो) के अध्यक्ष अश्विनी कुमार ने यह भी कहा कि देश का सेवा निर्यात 2024-25 में 390 से 400 अरब डॉलर पर पहुंच सकता है।
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमारा अनुमान है कि वस्तु निर्यात चालू वित्त वर्ष में 500 से 510 अरब डॉलर रहेगा। सेवा क्षेत्र में निर्यात 390 से 400 अरब डॉलर रहने की उम्मीद है।’’
कुमार ने कहा, ‘‘मांग में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। इलेक्ट्रॉनिक्स, मशीनरी, उच्च और मध्यम प्रौद्योगिकी, दवाएं, चिकित्सा और डायग्नोस्टिक उपकरण जैसे प्रौद्योगिकी आधारित क्षेत्रों के लिए मांग मजबूत बनी हुई है।’’
उन्होंने कहा कि पीएलआई (उत्पादन आधारित प्रोत्साहन) योजना के तहत उत्पादन बढ़ने से भी निर्यात के मोर्चे पर लाभ होगा।
फियो के अनुसार परिधान, जूते, रत्न और आभूषण जैसे श्रम प्रधान क्षेत्रों में बीते वित्त वर्ष में दहाई अंक में गिरावट आई है लेकिन इनका प्रदर्शन इस साल बेहतर रहने का अनुमान है।
कुमार ने कहा कि मानसून बेहतर रहने का अनुमान है, ऐसे में अनाज निर्यात पर भी प्रतिबंध हटाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि अमेरिका और यूरोप जैसे बाजार देश का निर्यात बढ़ाने में मददगार होंगे।
फियो ने निर्यात को गति देने के लिये क्षेत्र को प्रतिस्पर्धी दर पर दीर्घकालीन कर्ज उपलब्ध कराने, ब्याज छूट बढ़ाने, निर्यात विकास कोष बनाने, शोध एवं विकास को समर्थन देने आदि का सुझाव सरकार को दिया है।
इस मौके पर फियो के महानिदेशक और सीईओ (मुख्य कार्यपालक अधिकारी) अजय सहाय और उपाध्यक्ष इसरार अहमद समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।
भाषा रमण अजय
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