एफसीआई एक फरवरी से थोक खरीदारों को 25 लाख टन गेहूं की ई-नीलामी शुरू करेगा |

एफसीआई एक फरवरी से थोक खरीदारों को 25 लाख टन गेहूं की ई-नीलामी शुरू करेगा

एफसीआई एक फरवरी से थोक खरीदारों को 25 लाख टन गेहूं की ई-नीलामी शुरू करेगा

:   Modified Date:  January 27, 2023 / 08:59 PM IST, Published Date : January 27, 2023/8:59 pm IST

नयी दिल्ली, 27 जनवरी (भाषा) भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने शुक्रवार को कहा कि वह आगामी एक फरवरी से 2,350 रुपये प्रति क्विंटल के आरक्षित मूल्य और ढुलाई लागत के साथ साप्ताहिक ई-नीलामी शुरू करेगा। इसके तहत एफसीआई थोक उपभोक्ताओं को 25 लाख टन गेहूं बेचने की योजना बना रहा है।

सरकार ने बुधवार को गेहूं और गेहूं के आटे की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए खुली बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत अपने बफर स्टॉक से 30 लाख टन गेहूं खुले बाजार में बेचने की योजना की घोषणा की।

एफसीआई इस 30 लाख टन में से ई-नीलामी के माध्यम से आटा चक्की जैसे थोक उपभोक्ताओं को 25 लाख टन गेहूं बेचेगा। वहीं दो लाख टन राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों को और 3 लाख टन अन्य संस्थानों और राज्य सार्वजनिक उपक्रमों को गेहूं को आटे में बदलने के लिए रियायती दर पर दिया जायेगा। इसे 29.50 रुपये प्रति किलो की अधिक दर पर बेचने की अनुमति नहीं होगी।

एफसीआई के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अशोक के मीणा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘निविदाएं आज पूरी होंगी और ई-नीलामी बुधवार को होगी।’’

नीलामी साप्ताहिक आधार पर प्रत्येक बुधवार को होगी। उन्होंने कहा कि पहली नीलामी एक फरवरी को होगी जो 15 मार्च तक चलेगी।

गेहूं की पेशकश 2,350 रुपये प्रति क्विंटल के आरक्षित मूल्य और भाड़ा शुल्क के साथ की जाएगी। उन्होंने कहा कि एक खरीदार अधिकतम 3,000 टन और न्यूनतम 10 टन तक की मात्रा के लिए बोली लगा सकता है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि छोटे व्यापारी और छोटे आटा मिल मालिक इस अवसर का लाभ उठाएंगे।’’

एफसीआई के अध्यक्ष ने कहा कि क्षेत्रीय कार्यालयों को न केवल गेहूं की ई-नीलामी के लिए निविदाएं जारी करने का निर्देश दिया गया है, बल्कि स्थानीय आटा मिलों, व्यापारियों और गेहूं उत्पाद बनाने वालों को भी एफसीआई के मंच पर खुद को पंजीकृत करने के लिए प्रोत्साहित करने को कहा गया है ताकि वे ई-नीलामी में भाग ले सकें।

एफसीआई प्रमुख के अनुसार पूरे देश में गेहूं का स्टॉक उपलब्ध है और सभी राज्य स्टॉक उपलब्ध करा सकेंगे।

उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश और पंजाब में लगभग 5 लाख टन, महाराष्ट्र में 4 लाख टन, राजस्थान में 2.5 लाख टन, बिहार में 1.55 लाख टन, पश्चिम बंगाल में 1.25 लाख टन और हरियाणा में एक लाख टन गेहूं की पेशकश की जाएगी।

मीणा ने यह भी कहा कि गेहूं के लिए निर्धारित आरक्षित मूल्य अधिग्रहण लागत के बराबर है और 2,654 रुपये प्रति क्विंटल की आर्थिक लागत से कम है।

खाद्यान्न की खरीद और वितरण के लिए सरकार की नोडल एजेंसी एफसीआई के पास 26 जनवरी की स्थिति के अनुसार बफर स्टॉक में लगभग 156.96 लाख टन गेहूं था।

भाषा राजेश राजेश रमण

रमण

 

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