भारत की 5,000 अरब की अर्थव्यवस्था बनने की आकांक्षा पूरी करने के लिए एफडीआई महत्वपूर्ण: डेलॉयट सीईओ |

भारत की 5,000 अरब की अर्थव्यवस्था बनने की आकांक्षा पूरी करने के लिए एफडीआई महत्वपूर्ण: डेलॉयट सीईओ

भारत की 5,000 अरब की अर्थव्यवस्था बनने की आकांक्षा पूरी करने के लिए एफडीआई महत्वपूर्ण: डेलॉयट सीईओ

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:12 PM IST, Published Date : September 20, 2021/11:42 am IST

वाशिंगटन, 20 सितंबर (भाषा) डेलॉयट के सीईओ पुनीत रंजन ने कहा है कि भारत के 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) महत्वपूर्ण है।

उन्होंने साथ ही कहा कि अमेरिका, ब्रिटेन, जापान और सिंगापुर में 1,200 उद्योगपतियों के बीच किए गए एक सर्वेक्षण में उनमें से 40 प्रतिशत से अधिक ने भारत में अतिरिक्त या पहली बार निवेश करने की योजना बनाने की बात कही।

रंजन ने सर्वेक्षण का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत अब भी ‘सबसे आकर्षक’ एफडीआई गंतव्यों में से एक है।

उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘कोविड-19 के विध्वंस के बावजूद, पिछले साल आमद रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया। डेलॉयट के सर्वेक्षण में शामिल उद्योगपतियों ने कहा कि वे भारत में अतिरिक्त और पहली बार निवेश करने की तैयारी कर रहे हैं।’

शीर्ष बहुराष्ट्रीय पेशेवर सेवा नेटवर्क के सीईओ ने कहा, ‘मेरा मानना ​​​​है कि एफडीआई, 5,000 डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की भारत की आकांक्षा पूरी करने के लिए महत्वपूर्ण है और मुझे लगता है कि यह पूरी तरह से संभव है। मैं निश्चित रूप से भारत का एक बहुत बड़ा समर्थक हूं और जानता हूं कि क्या हासिल किया जा सकता है।’

उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण से निकला एक और निष्कर्ष कुशल कार्यबल का मूल्य और विशेष रूप से घरेलू आर्थिक वृद्धि की संभावनाएं थीं। ये चीजें एफडीआई के लिए महत्वपूर्ण आकर्षण हैं।

रंजन ने कहा कि साथ ही, यह अब भी माना जाता है कि भारत व्यापार करने के लिए एक चुनौतीपूर्ण जगह है। यह धारणा सरकारी कार्यक्रमों, प्रोत्साहनों और सुधारों के बारे में कम जागरूकता के कारण बनी हुई हैं।

उन्होंने कहा, ‘अमेरिका, ब्रिटेन, जापान और सिंगापुर में सर्वेक्षण में शामिल 1,200 उद्योगपतियों में से 44 प्रतिशत ने कहा कि वे भारत में अतिरिक्त या पहली बार निवेश की योजना बना रहे हैं। पहली बार निवेश की योजना बना रहे कारोबारियों में से लगभग दो-तिहाई अगले दो वर्षों के के भीतर ऐसा करने की योजना बना रहे हैं।’

भाषा प्रणव शाहिद

शाहिद

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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