एयर इंडिया के विनिवेश को वित्तीय बोलियां आगामी दिनों में मांगी जाएंगी : पुरी

एयर इंडिया के विनिवेश को वित्तीय बोलियां आगामी दिनों में मांगी जाएंगी : पुरी

एयर इंडिया के विनिवेश को वित्तीय बोलियां आगामी दिनों में मांगी जाएंगी : पुरी
Modified Date: November 29, 2022 / 08:40 pm IST
Published Date: March 26, 2021 11:41 am IST

नयी दिल्ली, 26 मार्च (भाषा) सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कंपनी एयर इंडिया के विनिवेश के लिए एक नयी समयसीमा पर काम कर रही है। नागर विमानन राज्यमंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शुक्रवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि एयर इंडिया के विनिवेश के लिए वित्तीय बोलियां आगामी दिनों में आमंत्रित की जाएंगी।

पुरी ने कहा कि सरकार के सामने एयर इंडिया के निजीकरण करने या उसे बंद करने का ही विकल्प है। निजीकरण होने तक उसे इसे चालू रखना होगा।

उन्होंने हवाई अड्डों के निजीकरण का विरोध कर रही कांग्रेस पार्टी के नेता को भ्रमित पार्टी बताते हुए कहा कि जब वे सत्ता में थे जो कुछ बेहतर काम किए उनमें दिल्ली और मुंबई के हवाई अड्डों का निजीकरण था।

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पुरी ने टाइम्स नेटवर्क के भारत आर्थिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘अब हम नयी समयसीमा पर विचार कर रहे हैं। मूल्य लगाने के इच्छुक पक्षों के लिए अब डाटा-रुम (सूचना संग्रह) खोल दिया गया है। वित्तीय बोलियों के लिए 64 दिन का समय होगा। उसके बाद सिर्फ फैसला लेने और एयरलाइन हस्तांतरित करने का निर्णय ही शेष होगा।’’

एयर इंडिया सरकार की अकेले की मिल्कियत है। वह इसमें अपनी 100 की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए खरीदार तलाशने में लगी।

लाभ में चलने वाली इंडियन एयरलाइंस का एयर इंडिया में 2007 में विलय कर दिया गया। उसके बाद यह घाटे में डूबती गयी।

पुरी ने कहा, ‘‘हमारे पास कोई विकल्प नहीं है। या तो हमें इसका निजीकरण करना होगा या इसे बंद करना होगा। एयर इंडिया अब पैसा बना रही है, लेकिन अभी हमें प्रतिदिन 20 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। कुप्रबंधन की वजह से एयर इंडिया का कुल कर्ज 60,000 करोड़ रुपये पर पहुंच चुका है।’’

एयर इंडिया के लिए वित्त मंत्री से कोष मांगने का उल्लेख करते हुए पुरी ने कहा, ‘‘मेरी इतनी क्षमता नहीं है कि मैं बार बार निर्मला जी के पास जाऊं और कहूं कि मुझे कुछ और पैसा दे दें।’’

उन्होंने कहा कि पूर्व में एयर इंडिया के निजीकरण के प्रयास इसलिए सफल नहीं हो पाए, क्यों उन्हें पूरे दिल से नहीं किया गया था।

उन्होंने यह भी कहा गया कि घरेलू विमान सेवा क्षेत्र कोरोना वायरस महामारी से असर से अब उबर रहा है।

उन्होंने निजीकरण का विरोध करने वाली कांग्रेस पार्टी पर पर कटाक्ष करते हुए हुए ‘ मैं कन्फ्यूज्ड (भ्रमित) कांग्रेस पालीटीशियन (सीसीपी) की बात कर रहा हूं। उन्हेंने (अपने समय में ) जो कुछ एक अच्छे काम किए उनमें दो ( दिल्ली और मुंबई के) हवाई अड्डों का निजीकरण था। दिल्ली और मुंबई सफलता का उदाहरण हैं।’

भाषा अजय अजय मनोहर

मनोहर


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