नयी दिल्ली, छह अक्टूबर (भाषा) दैनिक उपयोग के उत्पाद बनाने वाली एफएमसीजी कंपनियों को चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में खुदरा मुद्रास्फीति और ग्रामीण क्षेत्रों में मंदी की चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। इन कंपनियों को हालांकि चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में मांग में सुधार की उम्मीद है।
मैरिको, गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (जीसीपीएल) और डाबर जैसे प्रमुख कंपनियों ने अपनी तिमाही सूचना में कहा कि दूसरी तिमाही के दौरान उद्योग में सभी श्रेणियों की मांग मुद्रास्फीति के कारण नरम बनी रही।
कंपनियों को हालांकि उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष की शेष दो तिमाहियों में मुद्रास्फीति में नरमी और त्योहारी सीजन से दूसरी छमाही में खपत वृद्धि को समर्थन मिलेगा।
जीसीपीएल ने तिमाही सूचना में कहा, ‘‘जिंसों की कीमतों में सुधार के कारण मुद्रास्फीति के दबाव में कमी और मानसून काफी हद तक (कुछ राज्यों के अलावा) पटरी पर है। हमें उम्मीद है कि साल की दूसरी छमाही में खपत में सुधार होगा।’’
डाबर ने कहा, ‘‘तिमाही के दौरान अभूतपूर्व मुद्रास्फीति के साथ भू-राजनीतिक स्थितियों ने व्यापार को प्रभावित करना जारी रखा। इससे सभी श्रेणियों में कमजोर मांग के रुझान आए।’’
कंपनी ने कहा, ‘‘आगे मुद्रास्फीति में नरमी और त्योहारी सीजन से वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में खपत वृद्धि को समर्थन मिलना चाहिए।’’
वहीं, वैश्विक बाजारों में कच्चे तेल के साथ पाम तेल की कीमतों में नरमी से एफएमसीजी निर्माताओं को भी फायदा होगा।
भाषा जतिन अजय
अजय
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