नयी दिल्ली, 20 सितंबर (भाषा) खाद्य मंत्रालय ने राशन दुकानों की आमदनी बढ़ाने के लिए सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विस इंडिया लि. (सीएससी) के साथ एक करार पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके तहत उपभोक्ताओं से जुड़ी अतिरिक्त सुविधाएं मसलन बिजली, पानी सहित अन्य यूटिलिटी बिलों का भुगतान कराने की सुविधायें उपलब्ध कराई जायेंगी।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत केंद्र राशन की दुकानों के जरिये एक से तीन रुपये प्रति किलोग्राम की काफी कम दर पर प्रति व्यक्ति प्रति परिवार पांच किलो खाद्यान्न उपलब्ध कराता है। इस कानून के तहत 80 करोड़ से अधिक लोग आते हैं।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि उपभोक्ता मामलों, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के तहत आने वाले खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग ने सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लि. के साथ मॉडल सहमति ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।
बयान में कहा गया है कि इस एमओयू का मकसद इच्छुक उचित दर दुकान डीलरों के जरिये सीएससी सेवाओं की आपूर्ति से राशन दुकानों के लिए कारोबारी अवसर और आमदनी बढ़ाना है।
इस एमओयू पर उप सचिव (पीडी) ज्योत्सना गुप्ता तथाा सीएससी के उपाध्यक्ष सार्थिक सचदेव ने हस्ताक्षर किए। इस मौके पर खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव सुधांशु पांडेय और सीएससी के प्रबंध निदेशक दिनेश कुमार त्यागी भी मौजूद थे।
बयान में कहा गया है कि राशन की दुकानों को सीएससी सेवा केन्द्रों के तौर पर विकसित किया जा सकता है। ऐसे सीएससी केन्द्रों को अपनी सुविधा से अतिरिक्त सेवाओं का चयन करने को कहा जायेगा। इनमें बिल का भुगतान, पैन आवेदन, पासपोर्ट का आवेदन करना, चुनाव आयोग से जुड़ी सेवायें आदि शामिल हैं। उपभोक्ता को पास की राशन दुकान पर ये सेवायें उपलबध होंगी और दूसरी तरफ इन दुकानों को अतिरिक्त आय का स्रोत भी मिलेगा।
भाषा अजय
अजय महाबीर
महाबीर
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