विदेशी निवेशकों की घरेलू शेयरों में हिस्सेदारी जून तिमाही में घटकर 523 अरब डॉलर पर |

विदेशी निवेशकों की घरेलू शेयरों में हिस्सेदारी जून तिमाही में घटकर 523 अरब डॉलर पर

विदेशी निवेशकों की घरेलू शेयरों में हिस्सेदारी जून तिमाही में घटकर 523 अरब डॉलर पर

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:48 PM IST, Published Date : August 17, 2022/2:58 pm IST

नयी दिल्ली, 17 अगस्त (भाषा) विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की चालू वित्त वर्ष की जून तिमाही के दौरान घरेलू शेयरों में पूंजी के लिहाज से हिस्सेदारी 14 प्रतिशत घटकर 523 अरब डॉलर रह गई है।

मॉर्निंगस्टार की रिपोर्ट के अनुसार, यह लगातार तीसरी तिमाही है, जब एफपीआई की भारतीय शेयरों में हिस्सेदारी घटी है।

विदेशी निवेशक साल की शुरुआत से ही सतर्क रुख अपना रहे थे और वैश्विक और घरेलू दोनों बाजारों में चिंताजनक घटनाओं के बाद उनकी चिंता और बढ़ी है।

रिपोर्ट में कहा गया कि जून तिमाही के दौरान विदेशी निवेशकों की स्थानीय बाजार में मूल्य के लिहाज से हिस्सेदारी 14 प्रतिशत घटकर 523 अरब डॉलर रह गई। इससे पिछली तिमाही में यह 612 अरब डॉलर थी।

वहीं, पिछले वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में भारतीय शेयर बाजार में एफपीआई निवेश का मूल्य 592 अरब डॉलर था।

घरेलू शेयर बाजारों में बाजार पूंजीकरण के लिहाज से भी एफपीआई की हिस्सेदारी समीक्षाधीन तिमाही के दौरान गिरकर 16.9 प्रतिशत हो गयी, जो बीते वित्त वर्ष की मार्च तिमाही में 17.8 प्रतिशत थी।

जून, 2022 को समाप्त तिमाही के दौरान एफपीआई ने शुद्ध रूप से 13.85 अरब डॉलर की संपत्तियां बेचीं। हालांकि, यह मार्च तिमाही के 14.59 अरब डॉलर के आंकड़े से कम है।

अमेरिकी के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा लगातार आक्रामक नीतिगत रुख अपनाने की वजह से तिमाही की शुरुआत से ही विदेशी निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई। वैश्विक स्तर पर बॉन्ड प्राप्तियां भी बढ़ी हैं जिससे एफपीआई का निवेश प्रभावित हुआ। अमेरिकी केंद्रीय बैंक 2022 में अबतक ब्याज दरों में 1.5 प्रतिशत अंक की वृद्धि की चुका है।

भाषा जतिन अजय

अजय

 

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