नयी दिल्ली, 19 अगस्त (भाषा) वित्त मंत्रालय ने कहा है कि राजस्व विभाग और आयातक के बीच विवाद होने की स्थिति में मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) में उत्पादक देशों के लिए निर्दिष्ट छूट लागू होंगी।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमाशुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने मुख्य आयुक्तों को निर्देश दिया है कि सीमा शुल्क के अधिकारियों को सीमा शुल्क (व्यापार समझौतों के अंतर्गत नियमों का प्रशासन) नियम 2020 (सीएआरओटीएआर, 2020) के लिए आवेदन देने में संवेदनशीलता बरतनी चाहिए और संबंधित व्यापार समझौते के प्रावधानों या इसके उत्पत्ति नियमों के लिहाज से अनुरूपता बनाई रखनी चाहिए।
सीमा शुल्क (व्यापार समझौतों के अंतर्गत नियमों का प्रशासन) नियम 2020 (सीएआरओटीएआर, 2020) के संबंध में 21 अगस्त, 2020 को अधिसूचना जारी की गई थी। ये 21 सितंबर 2020 से अमल में आए थे।
नियमों के तहत सीमाशुल्क अधिकारी को ऐसा लगता है कि उत्पादक देश के निर्धारित मापदंड को पूरा नहीं किया गया है तो वह आयातक से व्यापार समझौते के अनुरूप और जानकारी मांग सकते हैं। मांगी गई जानकारी प्राप्त नहीं होने पर अधिकारी आगे सत्यापन कर सकते हैं।
सीबीआईसी ने 17 अगस्त को निर्देश जारी कर कहा है, ‘‘अधिकारियों को सीएआरओटीएआर के तहत आवेदन देने में संवेदनशीलता बरतनी चाहिए और यह संबंधित व्यापार समझौते के प्रावधानों या उत्पत्ति नियमों के अनुरूप होना चाहिए।’’
भारत ने संयुक्त अरब अमीरात, मॉरीशस, जापान, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर और आसियान देशों के साथ भी मुक्त व्यापार समझौते किए हैं।
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