जी समूह के प्रवर्तकों को अब करना पड़ सकता है जी लर्न, जी मीडिया के निवेशकों की नाराजगी का सामना |

जी समूह के प्रवर्तकों को अब करना पड़ सकता है जी लर्न, जी मीडिया के निवेशकों की नाराजगी का सामना

जी समूह के प्रवर्तकों को अब करना पड़ सकता है जी लर्न, जी मीडिया के निवेशकों की नाराजगी का सामना

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:04 PM IST, Published Date : September 21, 2021/9:15 pm IST

मुंबई, 21 सितंबर (भाषा) जी एंटरटेनमेंट और डिश टीवी के बाद सुभाष चंद्रा परिवार को जी लर्न और जी मीडिया कॉरपोरेशन में भी शेयरधारकों की सक्रियता और नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है। बाजार सूत्रों के अनुसार इनकी जल्दी ही असाधारण आम बैठक बुलायी जानी है।

उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह जी एंटरटेनमेंट में शेयरधारकों की सक्रियता देखने को मिली। कंपनी के प्रमुख शेयरधारकों ने प्रवर्तकों और पुनीत गोयनका के नेतृत्व वाले मौजूदा प्रबंधन को हटाने को लेकर खुले तौर पर मांग की। इसके अलावा, डिश टीवी को भी इस महीने की शुरुआत में इसी तरह की स्थिति का सामना करना पड़ा था।

जी एंटरटेनमेंट की परेशानी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यह एक अनूठी कंपनी है, जिसमें प्रवर्तकों के पास सिर्फ 3.99 फीसदी हिस्सेदारी है जबकि कंपनी वह पूरी तरह से नियंत्रित करते हैं।

कंपनी के आंतरिक सूत्रों के अनुसार निवेशक चाहते हैं कि भले ही सुभाष चंद्रा का एस्सेल समूह इनमें सबसे बड़ा शेयरधारक है, लेकिन प्रवर्तक जी लर्न और जी मीडिया कॉरपोरेशन दोनों से बाहर निकल जाएं।

इस बारे में पूछे जाने पर जी ने कोई जवाब नहीं दिया।

जून तिमाही की स्थिति के अनुसार जी लर्न में प्रवर्तकों की 21.69 प्रतिशत और जी मीडिया कॉरपोरेशन में 14.72 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। जी मीडिया को पहले जी न्यूज के नाम से जाना जाता था। जी लर्न में प्रवर्तकों और उनके मित्र निवेशकों की कुल हिस्सेदारी 40.68 प्रतिशत और जी मीडिया कॉरपोरेशन में 43.99 प्रतिशत है।

जी लर्न में नये प्रबंधन के लिए कदम न्यूयॉर्क स्थित हेज फंड मून कैपिटल मैनेजमेंट उठा रहा है। मून कैपिटल 2015 से 6.43 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ कंपनी में सबसे बड़ी विदेशी शेयरधारक है।

मून कैपिटल मैनेजमेंट ने फरवरी 2020 में चंद्रा को बढ़ते कर्ज, कंपनी संचालन की खामियों और स्पष्ट विकास रणनीति के अभाव का हवाला देते हुए जी लर्न छोड़ने के लिए कहा था। इसके प्रबंध निदेशकों में से एक शायन चटर्जी को स्वतंत्र निदेशक के रूप में नियुक्त करने की इच्छा जतायी।

जी लर्न, माउंट लिटेरा जी स्कूल के तहत केजी से बारहवीं कक्षा के स्कूलों का संचालन कर रही है। इसके 110 शहरों में 120 से अधिक स्कूल हैं। साथ ही यह एशिया की सबसे बड़ी प्री-स्कूल श्रृंखला किड्जी भी चलाती है। इनकी संख्या भारत और पड़ोसी देशों में 1,900 से अधिक हैं।

समूह की दूसरी कंपनी जो निवेशकों की नाराजगी का सामना कर रही है, वह है जी मीडिया कॉरपोरेशन। इस पर भी कंपनी संचालन का अभाव का आरोप है। साथ ही प्रबंधन से जुड़ी अन्य समस्याओं को उठाया गया है।

बाजार सूत्रों के अनुसार, कंपनी संचालन से जुड़ा मुद्दा एस्सेल समूह की दोनों कंपनियों में है।

सूत्रों के अनुसार निवेशकों का मानना ​​है कि चंद्रा के बाहर निकलने से जी लर्न को एक कुशल प्रबंधन टीम बनाने और कंपनी में दिलचस्पी रखने वाले संभावित बोलीदाताओं के साथ पारदर्शी तरीके से जुड़ने में मदद मिलेगी।

उल्लेखनीय है कि हाल ही में जी एंटरटेनमेंट और डिश टीवी के निवेशकों ने कंपनी संचालन की खामियों के कारण दो स्वतंत्र निदेशकों को इस्तीफा देने के लिए कहा था। इसके बाद और पिछले सप्ताह एजीएम से ठीक एक दिन पहले, फिर से नियुक्ति किये गये निदेशकों – मनीष चोखानी और अशोक कुरियन ने इस्तीफा दे दिया।

सूत्रों ने कहा कि जाहिर है कि वही मांगें जी मीडिया और जी लर्न के मामले में की जाएगी। इसको लेकर प्रवर्तक परेशान हैं।

भाषा

रमण महाबीर

महाबीर

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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