नयी दिल्ली, 29 नवंबर (भाषा) इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा है कि सरकार का मुख्य उद्देश्य भारत को 1,000 अरब डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था और दुनिया की शीर्ष दो डिजिटल अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनाना है।
उन्होंने सोमवार को कहा कि सरकारी सेवाओं को डिजिटल बनाने का काम तेज करने और वैश्विक मानदंडों के अनुरूप कानून बनाने पर ध्यान दिया जाएगा। इससे अस्पष्टता की स्थिति दूर होगी और समावेशी विकास का रास्ता साफ होगा।
मंत्री ने अगले 25 वर्षों के लिए सरकार के व्यापक उद्देश्य का संक्षिप्त विवरण देते हुए कहा, ‘मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हमारी डिजिटल अर्थव्यवस्था 1,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बने, दुनिया में सबसे बड़ी डिजिटल अर्थव्यवस्था बने। अगर सबसे बड़ी नहीं तो दुनिया की कम से कम शीर्ष दो डिजिटल अर्थव्यवस्थाओं में से एक बने।’
चंद्रशेखर सप्ताह भर चलने वाले ‘आजादी का डिजिटल महोत्सव’ को संबोधित कर रहे थे।
सरकार 2025 तक भारत को 1,000 अरब डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था बनाना चाहती है।
चंद्रशेखर ने कहा, ‘हम इस देश में वैश्विक मानकों वाला कानून बनाना चाहते हैं। हम अस्पष्टता को दूर कर एक ऐसे शासन की ओर बढ़ना चाहते हैं जहां वैश्विक मानकों के अनुरूप कानून से समावेशन का निर्माण हो। इससे यह सुनिश्चत हो सकता है कि इंटरनेट और प्रौद्योगिकियां खुली, सुरक्षित और विश्वसनीय बनी रहें, और ये मुख्य हितधारकों यानी इस देश के नागरिकों के लिए सुलभ हों।’
उन्होंने कहा कि सरकारी सेवाओं के डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने वाले स्मार्ट ढांचे में तेजी लाने की जरूरत है और ‘‘डिजिटल शासन के लिए हमारे पास एक व्यापक, स्पष्ट ढांचा होगा।’’
चंद्रशेखर ने कहा कि उच्च प्रौद्योगिकी के कुछ क्षेत्रों पर स्पष्ट रूप से ध्यान देने की जरूरत है।
भाषा प्रणव अजय
अजय
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