सरकार ने पीएसयू बैंकों में स्वतंत्र निदेशकों के रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की

सरकार ने पीएसयू बैंकों में स्वतंत्र निदेशकों के रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की

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  • Publish Date - October 10, 2021 / 02:00 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:37 PM IST

नयी दिल्ली, 10 अक्टूबर (भाषा) सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थानों में स्वतंत्र निदेशकों के करीब 100 रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की है। कामकाज के संचालन की नियामकीय जरूरत को पूरा करने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है।

सूत्रों ने बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में स्वतंत्र निदेशक स्तर के पद रिक्त हैं जिससे नियामकीय गैर-अनुपालन की स्थिति बन रही है। कंपनी कानून, 2013 के तहत प्रत्येक सूचीबद्ध कंपनी के कुल निदेशकों में से एक-तिहाई स्वतंत्र निदेशक होने चाहिए।

सूत्रों ने कहा कि कई सूचीबद्ध सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों तथा कुछ वित्तीय संस्थानों में स्वतंत्र निदेशकों की संख्या तय जरूरत से कम है। यह न केवल कंपनी कानून का उल्लंघन है बल्कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के सूचीबद्धता नियमों का भी उल्लंघन है।

उदाहरण के लिए इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी), इंडियन बैंक तथा यूको बैंक स्वतंत्र निदेशक नियमों को पूरा नहीं कर रहे हैं।

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) तथा बैंक ऑफ बड़ौदा को छोड़कर अन्य सरकारी बैंकों में चेयरमैन का पद रिक्त है। बैंकों के कर्मचारियों तथा अधिकारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले कर्मचारी निदेशक और अधिकारी निदेशक के पद भी सात साल से रिक्त हैं।

एक अध्ययन के अनुसार, निफ्टी 500 में 2019 और 2020 में 72 सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम थे। निफ्टी 500 के सार्वजनिक उपक्रमों में 2020 में स्वतंत्र निदेशकों की संख्या पिछले साल से 133 कम थी।

कुल 12 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, चार सार्वजनिक क्षेत्र की साधारण बीमा कंपनियां तथा एक जीवन बीमा कंपनी है। कुछ विशेष बीमा कंपनियां मसलन भारतीय कृषि बीमा कंपनी लि. भी है।

इसके अलावा सार्वजनिक क्षेत्र के वित्तीय संस्थान मसलन आईएफसीआई, आईआईएफसीएल, ईसीजीसी लि. और एक्जिम बैंक हैं।

अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखे पत्र में कहा है कि 11 राष्ट्रीयकृत बैंकों में निदेशकों के 52 प्रतिशत पद रिक्त हैं।

भाषा अजय अजय पाण्डेय

पाण्डेय