सरकार ने सोयामील की कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए भंडार सीमा लगायी |

सरकार ने सोयामील की कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए भंडार सीमा लगायी

सरकार ने सोयामील की कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए भंडार सीमा लगायी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:31 PM IST, Published Date : December 24, 2021/9:26 pm IST

नयी दिल्ली, 24 दिसंबर (भाषा) केंद्र ने सोयाखली के लिए जून 2022 तक भंडार रखने की सीमा लगा दी है। मुर्गीदाना (पोल्ट्री फीड) उद्योग में कच्चे माल के रूप में इस्तेमाल होने वाले सोयाखली की जमाखोरी पर लगाम लगाने और कीमतों में आई तेजी को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है।

एक सरकारी बयान में कहा गया है कि यह सीमा 30 जून, 2022 तक लागू रहेगी और इस संबंध में आदेश 23 दिसंबर के प्रभाव से जारी किया गया है।

इसके अलावा, सरकार ने आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 की अनुसूची में संशोधन करके 30 जून, 2022 तक ‘सोयामील’ को एक आवश्यक वस्तु के रूप में घोषित करने के लिए आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत एक आदेश अधिसूचित किया है।

सोयाखली प्रसंस्करणकर्ता, मिल मालिक और प्लांट मालिक अधिकतम 90 दिनों के उत्पादन का स्टॉक रख सकते हैं और उन्हें भंडारण स्थान घोषित करना जरूरी होगा।

सरकार द्वारा पंजीकृत कारोबारी कंपनियां, व्यापारी और निजी चौपाल एक निर्धारित और घोषित भंडारण स्थान के साथ अधिकतम 160 टन का स्टॉक रख सकते हैं।

यदि कानूनी रूप से अहर्ता रखने वाली संस्थाओं द्वारा रखे गए स्टॉक निर्धारित सीमा से अधिक हैं, तो उन्हें अधिसूचना जारी होने के दिन से खाद्य मंत्रालय के पोर्टल

‘एचटीटीपी://ईवेजआयल्स.निक.इन/सोया_मील_स्टॉक/लॉगिन’ (http://evegoils.nic.in/soya_meal_stock/login ) पर घोषित करना होगा और इसे 30 के भीतर निर्धारित स्टॉक सीमा तक लाना होगा।

बयान में कहा गया है कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि सोयाबीन का स्टॉक नियमित रूप से घोषित किया जाए और पोर्टल पर सूचनाओं को अद्यतन किया जाए।

बयान में कहा गया है कि पोर्टल पर आंकड़ों व सूचनाओं की नियमित रूप से निगरानी की जाएगी और पशुपालन और डेयरी विभाग द्वारा उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

बयान में कहा गया है, ‘‘उपरोक्त उपायों से बाजार में ऐसे किसी भी अनुचित व्यवहार (जैसे जमाखोरी, कालाबाजारी आदि) को रोके जाने की उम्मीद है, जिसमें सोयामील की कीमतों में बढ़ोतरी की संभावना हो।’’

पशुपालन और डेयरी विभाग के परामर्श से स्टॉक की सीमा निर्धारित की गई है।

एक आवश्यक वस्तु के रूप में सोयामील की अधिसूचना केंद्र सरकार और सभी राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों को सोयामील के उत्पादन और वितरण को विनियमित करने का अधिकार देगी।

बयान में कहा गया है कि इस कदम से अनुचित बाजार गतिविधियों पर अंकुश लगाने और पोल्ट्री फार्म और पशु चारा निर्माताओं जैसे उपभोक्ताओं के लिए जिंस की उपलब्धता बढ़ाने में मदद मिलेगी।

भाषा राजेश राजेश रमण

रमण

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)