सरकार का एमएसएमई के लिए ऋण गारंटी योजना को अक्टूबर से आगे बढ़ाने का इरादा नहीं

सरकार का एमएसएमई के लिए ऋण गारंटी योजना को अक्टूबर से आगे बढ़ाने का इरादा नहीं

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  • Publish Date - October 18, 2020 / 11:38 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:15 PM IST

नयी दिल्ली, 18 अक्टूबर (भाषा) सरकार का सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) के लिए तीन लाख करोड़ रुपये की आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) को अक्टूबर से आगे बढ़ाने का इरादा नहीं है। सूत्रों ने यह जानकारी दी।

सूत्रों ने बताया कि अभी तक इस योजना के तहत लक्ष्य की करीब 65 प्रतिशत राशि ही मंजूर की गई, लेकिन सरकार संभवत: इसे अक्टूबर से आगे नहीं बढ़ाएगी।

इस योजना का मकसद कोविड-19 महामारी से प्रभावित उपक्रमों विशेषरूप से एमएसएमई को वित्तीय समर्थन उपलब्ध कराना है। सूत्रों ने कहा कि योजना का मकसद प्रभावित उपक्रमों को मदद देना है। लेकिन यदि कोई इस योजना का लाभ लेने नहीं आ रहा है, तो इसे आगे बढ़ाने का मतलब नहीं है।

सरकार ने एक अगस्त को इस योजना का दायरा बढ़ाते हुए बकाया ऋण की ऊपरी सीमा को बढ़ा दिया था। इसके अलावा चिकित्सकों, अधिवक्ताओं और चार्टर्ड अकाउंटेंट को कारोबार के उद्देश्य दिए गए कुछ कर्ज को भी इसके दायरे में शामिल किया था। अधिक से अधिक कंपनियों को इस योजना का लाभ देने के लिए 29 फरवरी तक बकाया कर्ज की ऊपरी सीमा को 25 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 50 करोड़ रुपये किया गया था।

इसी के साथ गारंटी वाले आपातकालीन ऋण सुविधा (जीईसीएल) वित्त पोषण को भी पांच करोड़ रुपये से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये किया गया था। सरकार के 20.97 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज के तहत इस योजना की घोषणा की गई थी। बाद में इस योजना में बदलाव कर सालाना 250 करोड़ रुपये तक के कारोबार वाली कंपनियों को भी इसका लाभ देने की घोषणा की गई थी। पहले यह सीमा 100 करोड़ रुपये थी।

पांच अक्टूबर तक बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) ने इस योजना के तहत 1,87,579 करोड़ रुपये का ऋण मंजूर किया था। वहीं 1,36,140 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया गया था।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 20 मई को एमएसएमई क्षेत्र के लिए ईसीएलजीएस के जरिये 9.25 प्रतिशत की रियायती दर पर तीन लाख करोड़ रुपये तक का अतिरिक्त कर्ज देने की योजना को मंजूरी दी थी।

भाषा अजय अजय मनोहर

मनोहर