सरकार की 45,000 करोड़ की योजनाओं से निर्यात परिवेश, वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा: निर्यातक

सरकार की 45,000 करोड़ की योजनाओं से निर्यात परिवेश, वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा: निर्यातक

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  • Publish Date - November 13, 2025 / 01:58 PM IST,
    Updated On - November 13, 2025 / 01:58 PM IST

नयी दिल्ली, 13 नवंबर (भाषा) सरकार के निर्यात का बढावा देने के लिए मंजूर की गई 45,000 करोड़ रुपये की दो योजनाओं से उद्योग को किफायती वित्त, अनुपालन जटिलताओं और ‘ब्रांडिंग’ अंतराल जैसी दीर्घकालिक चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी। निर्यातकों ने यह बात कही।

उन्होंने कहा कि निर्यात संवर्धन मिशन (25,060 करोड़ रुपये) और ऋण गारंटी योजना (20,000 करोड़ रुपये) भारत के निर्यात परिवेश और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को मजबूत करेगी।

सीआईआई की राष्ट्रीय निर्यात समिति के चेयरमैन एवं पैटन इंटरनेशनल लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संजय बुधिया ने कहा कि इन उपायों का उद्देश्य एमएसएमई, पहली बार निर्यात करने वाले और श्रम-प्रधान क्षेत्रों को सशक्त बनाना है ताकि वैश्विक व्यापार अनिश्चितताओं के बीच मजबूती सुनिश्चित हो सके।

बुधिया ने कहा, ‘‘ वित्तीय एवं गैर-वित्तीय हस्तक्षेपों को एकीकृत करके यह किफायती वित्त, अनुपालन जटिलताओं और ‘ब्रांडिंग’ अंतराल जैसी दीर्घकालिक चुनौतियों का समाधान करता है। साथ ही एमएसएमई के लिए नए अवसरों को खोलता है।’

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में निर्यात संवर्धन मिशन एवं निर्यातकों के लिए ऋण गारंटी योजना को मंजूरी दी गई।

‘निर्यात संवर्धन मिशन’ का उद्देश्य भारत की निर्यात प्रतिस्पर्धात्मकता को मजबूत करना है खासकर सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई), पहली बार निर्यात करने वाले और श्रम-प्रधान क्षेत्रों के लिए…। वहीं निर्यातकों के लिए ऋण गारंटी योजना (सीजीएसई) निर्यातकों के लिए गारंटी-मुक्त ऋण सहायता सुनिश्चित करेगी जिससे वैश्विक बाजार में व्यवधानों से निपटने में मदद मिलेगी।

परिधान निर्यात संवर्धन परिषद (एईपीसी) के वाइस चेयरमैन ए. शक्तिवेल ने कहा कि इन उपायों से उद्योग के सामने आने वाली हालिया चुनौतियों का समाधान करने में मदद मिलेगी।

शक्तिवेल ने कहा, ‘‘ इस पहल से वित्त तक पहुंच बढ़ेगी, बाजार की तत्परता में सुधार होगा, भारत का निर्यात परिवेश मजबूत होगा और बड़े पैमाने पर रोजगार सृज्न होगा जिससे भारत की निर्यात वृद्धि को नई गति मिलेगी। ’’

भारतीय निर्यात संगठनों के महासंघ (फियो) के अध्यक्ष एस. सी. रल्हन ने कहा कि यह मिशन वैश्विक व्यापार गतिशीलता के लिए आवश्यक निरंतरता, मजबूती और जवाबदेही प्रदान करता है।

उन्होंने कहा, ‘‘ यह विशेष रूप से एमएसएमई को सशक्त बनाएगा जिन्हें अक्सर किफायती वित्त एवं अनुपालन सहायता प्राप्त करने में कठिनाई होती है।’’

भाषा निहारिका मनीषा

मनीषा